ADVERTISEMENTREMOVE AD

बसों पर राजनीति न होती तो 92 हजार मजदूर घर पहुंच जाते- प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस वक्त राजनीति नहीं करने की सलाह दी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के गरीब मजूदरों के लिए बसें उपलब्ध कराने को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इसे लेकर अब प्रियंका गांधी ने यूट्यूब लाइव किया, जिसमें उन्होंने यूपी सरकार पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हम तो इस वक्त सिर्फ गरीबों की मदद करना चाहते थे. ये राजनीति करने का समय नहीं है. उन्होंने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले उन्होंने बसें लेने से इनकार कर दिया था. प्रियंका ने बसों को लेकर हुए विवाद की पूरी कहानी सुनाई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रियंका गांधी ने कहा कि मजदूर किस हालत में सड़कों पर चल रहे हैं. कई गर्भवती महिलाएं पैदल धूप में चल रही हैं. कुछ लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर चल रहे हैं. प्रियंका ने कहा कि,

“हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. ये भारत के वो लोग हैं जो देश की रीढ़ की हड्डी है. इनके खून पसीने से ही देश चलता है. ये राजनीति करने का समय नहीं है. यूपी कांग्रेस ने भी इसी भावना को लेकर वॉलिंटियर ग्रुप भेजे. हर जिले में मदद पहुंचाई.”

प्रियंका ने बसों को लेकर कहा कि, हम लगातार यूपी सरकार से मांग कर रहे थे कि यूपी रोडवेज की बसें मजूदरों के लिए मुहैया करवाई जानी चाहिए. लेकिन कई हादसों के बाद जब हमने देखा कि बसें अब तक चलना शुरू नहीं हुआ है. इसके बाद हमने सीएम योगी को चिट्ठी लिखी कि हम गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर 1 हजार बसें देने के लिए तैयार हैं. इसके अलगे ही दिन यूपी के सीएम ने ऐलान किया कि यूपी रोडवेज की 12 हजार बसें हैं, उनका इस्तेमाल करेंगे आपकी बसों की हमें जरूरत नहीं है.

प्रियंका ने आगे बताया कि, "अगले ही दिन यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि आप हजार बस की लिस्ट, चालक-परिचालक की लिस्ट पहुंचा दीजिए. इसके चार घंटे बाद लिस्ट दे दी गई. फिर देर रात एक और चिट्ठी मिली और कहा गया कि आप हजार बसें लखनऊ पहुंचा दीजिए सुबह 10 बजे. लेकिन इन बसों का मकसद तो एनसीआर क्षेत्र से लोगों को यूपी पहुंचाना था. हमने गाजियाबाद-नोएडा के लिए परमिट मांगा. इसके बाद पूरा मामला शुरू हुआ."

गाजियाबाद बॉर्डर पर खड़ी रहीं बसें

प्रियंका ने बसों को लेकर हुए विवाद पर कहा,

“मैं इन चीजों में नहीं पड़ना चाहती और सरकार पर सवाल भी नहीं उठाना चाहती. अगर इस लिस्ट में कुछ ऐसे नंबर हैं जो गलत हैं तो हम एक नई लिस्ट भी उन्हें दे सकते हैं. मैं इतना कहना चाहती हूं कि 17 मई को जो 500 बसें गाजियाबाद बॉर्डर पर खड़ी की थीं, अगर वो चली होतीं तो कम से कम 20 हजार मजदूर घर पहुंच जाते.”

प्रियंका ने कहा कि बसों को खड़े-खड़े 24 घंटे हो चुके हैं. अगर आपको बसों पर बीजेपी के झंडे या स्टीकर लगाने हैं तो लगाइए, अगर ये कहते हैं कि आपने उपलब्ध करवाई हैं, तो भी चलेगा. लेकिन इस बसों को चलने दीजिए. अब तक हम कम से कम 92 हजार लोगों को घर पहुंचा सकते थे. मैं सिर्फ सीएम योगी से आग्रह करती हूं कि हमारी बसें 4 बजे तक वहां खड़ी हैं, अगर आपको नहीं चाहिए तो हम उन्हें वापस भेज देंगे, जैसे पहले भेजी थीं. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता जहां-जहां से मजदूर गुजरेंगे उनकी सहायता करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×