क्विंट की खबर का असर हुआ है और गृह मंत्रालय ने जम्मू और श्रीनगर जाने वाले सभी केंद्रीय जवानों को हवाई टिकट देने का ऐलान कर दिया है.
पुलवामा हमले के बाद क्विंट ने जवानों से बात करके ये मामला उठाया था कि इतने जोखिम वाले इलाकों में सीआरपीएफ समेत सभी सशस्त्र बलों के जवानों को हवाई यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी जाती?
गृह मंत्रालय ने ऐलान किया है कि केंद्रीय अर्धसैनिक पुलिस बलों को दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर सेक्टरों में हवाई यात्रा की सुविधा दी जाएगी.
यह सुविधा सभी कॉस्टेबल से लेकर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के मिलेगी. इससे इन बलों के सात लाख अस्सी हजार कर्मियों को फायदा होगा. अभी तक ये सुविधा कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और एएसआई को नहीं दी जाती थी.
अब सभी कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा. इनमें वो कर्मचारी भी शामिल होंगे, जो ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे हैं या छुट्टी पर जा रहे हैं.
यह सुविधा सीएपीएफ के लिए मौजूदा एयर कुरियर सर्विस के अलावा होगी. मंत्रालय ने एयर ट्रैवल सुविधा दिल्ली-श्रीनगर, श्रीनगर-दिल्ली, जम्मू-श्रीनगर और श्रीनगर-जम्मू सेक्टर के लिए लागू किया है. सीएपीएफ के सभी कर्मियों को अब यह सुविधा मिलेगी.
इस फैसले से सीएपीएफ कर्मियों के छुट्टी से घर जाने और वहां से लौटने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा.
क्विंट ने हमले के दो दिन बाद खबर की थी कि जवानों को एयर लिफ्ट करने की CRPF की मांग को ठुकरा दिया गया था.
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पुलवामा अटैक का असर
14 फरवरी को आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. करीब 2500 जवानों को 78 बसों में जम्मू से श्रीनगर ले जाया जा रहा था तब विस्फोटकों से लदी हुई कार ने आत्मघाती हमला किया था.
इसके बाद से ही सवाल उठ रहे थे कि जवानों को लाने ले जाने के लिए इतना जोखिम भरा तरीका क्यों अपनाया जाता है. जवानों को हवाई मार्ग से क्यों नहीं ले जाया जाता जिसमें जोखिम भी कम हो और सिक्योरिटी के लिए इतने इंतजाम नहीं करने पड़ें.
ऐसी रिपोर्ट सामने आई थीं कि सीआरपीएफ ने कई बार जवानों को लाने-जाने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा मांगी धी जिसे अनसुना कर दिया गया था. अगर इसमें ध्यान दिया गया होता तो शायद ये हादसा नहीं होता.
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