प्रधानमंत्री नरेंद्रे मोदी (PM Narendra Modi) जापान (Japan) में होने वाले तीसरे क्वाड समिट (Quad Summit) में शामिल होने के लिए जापान पहुंच गए हैं उनका यह दो दिवसीय दौरा है. पिछले आठ सालों में पीएम मोदी का जापान में यह पांचवां दौरा है. जापान पहुंचते ही मोदी ने खुद इसकी जानकारी ट्वीट करके दी और लिखा कि वे क्वाड की होने वाली बैठक के अलावा जापान के भारतीयों और बिजनेस लीडर्स के साथ भी मुलाकात करेंगे.
जापान पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने भारत-जापान सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह साझेदारी एक स्थिर और सुरक्षित इंडो-पेसिफिक क्षेत्र का एक प्रमुख स्तंभ है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि,
"कोरोना महामारी के बाद की दुनिया में भारत और जापान के बीच की साझेदारी महत्वपूर्ण है. हमारे देश लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. साथ ही, हम एक स्थिर और सुरक्षित इंडो-पेसिफिक क्षेत्र के प्रमुख स्तंभ हैं. मुझे इस बात की भी उतनी ही खुशी है कि हम कई स्तरों पर साथ मिलकर काम कर रहे हैं."
जापान के भारतीय मूल के लोगों ने पीएम मोदी का जापान में स्वागत किया.
उन्होंने ट्वीट किया कि, "जापान के भारतीय समुदाय ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है. वे भारत में भी अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं. मैं जापान में भारतीय मूल के लोगों को गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए धन्यवाद देता हूं."
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने याद किया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन दिनों से ही उन्हें जापानी लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला था. उन्होंने लिखा कि, "जापान जिस तरह से अपना विकास करता है यह हमेशा प्रशंसनीय रहा है. जापान बुनियादी ढांचे, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, स्टार्ट-अप और कई प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी कर रहा है."
क्वाड बैठक का एजेंडा क्या है?
क्वाड बैठक में जापान और भारत के अलावा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं. बैठक में ये देश आपसी साझेदारी को मजबूती देते हैं साथ ही पिछली बैठक में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी होगी. एजेंडे में कई चीजें शामिल होंगी-
क्लाइमेट चेंज और बढ़ती फ्यूल की चुनौती एक अहम मुद्दा होगा. कार्बन एमिशन को कम करने पर चर्चा होगी, साथ ही हाइड्रोजन के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
टेक्नोलॉजी भी क्वाड बैठक में अहम मुद्दा होगा. नई और अहम टेक्नोलॉजी पर सहयोग को कैसे बढ़ाया जाए इस पर बात होगी. बायो टैक्नोलॉजी से लेकर सेमीकंडक्टर सप्लाय चेन की मजबूती और सायबर सिक्यॉरिटी जैसे टॉपिक होंगे.
कोरोना महामारी भी चर्चा का विषय होगा. वैक्सीन की सप्लाय से लेकर महामारी से बने आर्थिक संकट से उबरने में मदद जैसे विषय शामिल हैं. साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना, जीनोमिक्स, क्लीनिकल ट्रायल और भविष्य की महामारियों से निपटने की तैयारियों जैसे विषय हैं.
क्वाड देशों की सुरक्षा को लेकर भी बात होगी. खासतौर पर चीन की तरफ से आ रही चुनौतियां.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग भी मुद्दा होगा.
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