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‘UPSC जिहाद’ शो: SC में दायर याचिका में हुआ क्विंट की खबर का जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन TV के शो ‘UPSC जिहाद’ के प्रसारण पर रोक लगा दी

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में सुदर्शन न्यूज के कार्यक्रम 'UPSC Jihad' के खिलाफ जो इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर की थी, उसमें क्विंट की “Sudarshan TV’s Chavhanke Fans Divisive Flames in UPSC Jihad Show” नाम की स्टोरी का जिक्र था.

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सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन TV के शो ‘UPSC जिहाद’ के प्रसारण पर रोक लगा दी

सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को सुदर्शन TV के शो 'UPSC जिहाद' के प्रसारण पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि हम चैनल को ये कहने कि छूट नहीं दे सकते कि 'मुस्लिम सिविल सर्विसेज में घुसपैठ कर रहे हैं'. अब इस मामले में अगली सुनवाई तक चैनल इस तरह का शो नहीं कर सकेगा.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा:

“इस स्टेज पर प्राइमा फेसी कोर्ट को ऐसा लगता है कि इस शो को दिखाए जाने का उद्देशय मुस्लिम समुदाय को बदनाम करना है. कई बयान स्पष्ट रूप से भ्रम पैदा करने वाले हैं. ऐसे हालात में इस स्टेज पर कोर्ट का ये मानना है कि प्रोग्राम कोड के तहत वैधानिक दायित्व का पालन होना चाहिए.”

जामिया के छात्रों के वकील शादान फरासत ने कोर्ट में कहा कि सुदर्शन न्यूज का शो हेट स्पीच है और केबल टीवी ब्रॉडकास्ट रेगुलेशंस एक्ट 1995 के तहत सरकार के पास ताकत है कि वो कुछ शो और चैनलों के ब्रॉडकास्ट को रोक सकती है. शादान फरासत ने पहले इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

क्विंट की रिपोर्ट

क्विंट की मेखला सरन ने 12 सितंबर को इस शो के पहले एपिसोड पर लिखा था:

"अपने आप को 'बाबासाहेब का शिष्य' बताते हुए सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ने 11 सितंबर का प्राइम टाइम स्लॉट 'UPSC जिहाद पर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा' शो के जरिए इस्तेमाल करते हुए कई आक्षेप लगाए कि कैसे पब्लिक सर्विस एग्जाम मुस्लिमों के पक्ष में धांधली करता है.

शो दो हफ्ते देरी के बाद ब्रॉडकास्ट हुआ. पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया के छात्रों की याचिका पर शो के खिलाफ अंतरिम स्टे दे दिया था.

शो में चव्हाणके भावुक और जोरदार तरीके से कैमरे में देखते हुए दो करीबी दोस्तों की एक कहानी सुनाते हैं, जो सिविल सर्विस एग्जाम पास करना चाहते हैं. हालांकि, एक दोस्त जो संभावित रूप से मुस्लिम है वो अल्पसंख्यक कमीशन और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से आ रहे फंड्स का फायदा उठा लेता है. चव्हाणके विलाप करते हुए बताते हैं कि गैर-मुस्लिम को 'कोचिंग के लिए मां का मंगलसूत्र बेचना पड़ता है.'

शो में सुरेश चव्हाणके ये दावा भी करते हैं कि UPSC का स्कोरिंग प्रोसेस ये सुनिश्चित करता है कि मुस्लिम एग्जाम पास कर लें और पब्लिक सर्विस एग्जाम में मुस्लिमों की ये तरफदारी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 'आइडिया ऑफ इंडिया' था."

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