यूपी के शामली के कांधला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना वैक्सीन की जगह रेबीज के टीके लगने के मामले में अब कार्रवाई हुई है.
इस मामले में फार्मासिस्ट को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं जनऔषधि केंद्र पर काम करने वाले संविदा कर्मी को काम से हटा दिया गया है. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सुपरिटेंडेंट को चेतावनी दी गई है.
शामली की डीएम जसजीत कौर ने मीडिया को यह जानकारी दी. उन्होंने विस्तार से यह भी बताया कि कैसे तीनों महिलाओं के साथ यह घटना हुई. मतलब कैसे उन्हें कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी-रेबीज इंजेक्शन लग गया.
जांच रिपोर्ट के हवाले से जसजीत कौर ने बताया कि तीनों महिलाएं वैक्सीन लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर गई थीं. लेकिन वह वैक्सीनेशन सेंटर ना जाकर जनरल ओपीडी में पहुंच गईं. यहां जो फार्मासिस्ट तैनात था, वह किसी जरूरी काम से बाहर गया था.
फार्मासिस्ट ने बिना बताए जनऔषधि केंद्र में काम करने वाले एक संविदा कर्मी को अपनी जगह पर तैनात कर दिया था. इसी संविदा कर्मी ने बिना पर्ची देखें और बिना जांच पड़ताल के तीनों महिलाओं को दूसरा टीका लगा दिया.
बता दें कि यह मामला तक संज्ञान में आया, जब तीनों महिलाएं अपने घर पहुंची और उनमें से एक की तबीयत खराब हो गई. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उन्हें रेबीज के टीके के बारे में पता चला.
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