सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की गई है. वकील मनोहर लाल शर्मा की तरफ से दायर की इस याचिका में डील पर रोक लगाने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस ने कहा है कि इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई संभव है.
कांग्रेस ने लगाए हैं इस डील पर कई आरोप
कांग्रेस इस सौदे में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा रही है. उसका कहना है कि सरकार हर एक विमान 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार ने एक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये तय की थी. इसके अलावा पार्टी का कहना है कि सरकार ने क्यों सरकारी एयरोस्पेस कंपनी एचएएल को इस सौदे में शामिल नहीं किया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान डील को देश का ‘अब तक का सबसे बड़ा’ रक्षा घोटाला करार दिया. साथ ही इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया.
क्या है राफेल डील
भारत ने 58,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ समझौता किया था. जेट विमानों की डिलीवरी सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है.
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जेटली ने राहुल गांधी के फैक्ट्स को बताया गलत
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि कांग्रेस राफेल की कीमत पर जो भी बातें की जा रही हैं वो वो सभी गलत हैं. उनके मुताबिक राहुल गांधी ने राफेल डील के मुद्दे पर अलग-अलग भाषणों में 7 अलग-अलग कीमतों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को राफेल को लेकर कोई समझ नहीं है. पता नहीं उन्हें इसकी कब समझ होगी.
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‘‘राहुल गांधी ने अप्रैल में दिल्ली में और मई में कर्नाटक में इसकी कीमत प्रति विमान 700 करोड़ रुपये होने की बात की. संसद में उन्होंने इसे घटाकर 520 करोड़ रुपये प्रति विमान कर दिया. इसके बाद रायपुर में उन्होंने इसे बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये प्रति विमान कर दिया. हैदराबाद में उन्होंने 526 करोड़ रुपये की नयी कीमत खोज ली. सत्य का एक ही स्वरूप होता है जबकि झूठ के कई होते हैं.’’अरुण जेटली, वित्त मंत्री
‘UPA ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया’
वित्त मंत्री जेटली ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए की सरकार ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा.
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