19 मई को पेरिस में स्थित इंडियन एयरफोर्स के ऑफिस से राफेल से जुड़े कई दस्तावेज चोरी हो गए थे. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस से जुड़ी एक अहम हार्ड डिस्क को अपराधी वहीं छोड़ गए.
‘एक डिफेंस सूत्र ने द हिंदू को बताया, ‘वहां कई दस्तावेज, कुछ डिस्क और एक महत्वपूर्ण हार्ड डिस्क थी. हार्ड डिस्क के साथ छेडछाड़ नहीं की गई है.’
सूत्र ने ये भी कहा कि ये साफ नहीं है कि दोषियों ने हार्ड डिस्क को एक्सेस कियाथा या नहीं. IAF का ये दफ्तर राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के कैंपस में है.
सूत्र ने कहा कि गायब हुए दस्तावेज किस नेचर के हैं, ये अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि, इंडियन एयरफोर्स ने उन संभावित सूचनाओं की पहचान की है जो दस्तावेजों से लीक हुए होंगे . वो सप्लाई प्रोटोकॉल, रूटीन कम्युनिकेशन और हथियारों से संबंधित डिटेल्स से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन इसमें कीमत शामिल नहीं है.
चार आईएएफ अफसरों वाली इस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन-रैंक अधिकारी कर रहे हैं. ये टीम 35 राफेल विमानों के सौदे के एग्जीक्युशन को देख रही है.
स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच कर रही है. इसके अलावा, सेंध लगाने के दो और मामले सामने आए हैं, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये सभी आपस में संबंधित हैं या नहीं.
देश में राफेल डील को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार को लगातार घेरती रही है. कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी पर यूपीए सरकार के समय हुई राफेल डील को कैंसिल करके उद्योगपति अनिल अंबानी की ऑफसेट कंपनी के हाथ में डील देने का आरोप लगाती आई है.
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