राफेल दुनिया का ऐसा फाइटर जेट है, जिसे मात देना काफी ज्यादा मुश्किल है. इसे लड़ाई में सबसे कारगर फाइटर्स में से एक माना जाता है. दुश्मन की नजर में आए बिना ये उसके इलाके में तबाही मचा सकता है. इसीलिए अब राफेल को चीन की सीमा यानी एलएसी के नजदीक तैनात कर दिया गया है. राफेल की फॉरवर्ड बेस पर सिर्फ तैनाती ही नहीं हुई है, बल्कि पिछले 24 घंटे से राफेल भारत-चीन की सीमा पर गरज रहा है.
रविवार को बताया गया कि चीनी सीमा के पास राफेल ने काफी देर तक उड़ान भरी है, जो कि एक ड्रिल का हिस्सा था. लेकिन इसके बाद सोमवार को भी लद्दाख की पहाड़ियों के ऊपर राफेल गरजता हुआ दिखाई दिया. राफेल से पहले लद्दाख के पास भारतीय फाइटर जेट मिराज और सुखोई ने भी कई बार उड़ान भरी है. कहीं न कहीं भारत की तरफ से चीन को ये बताने की कोशिश हो रही है कि अगर उसने किसी भी तरह की हरकत करने की कोशिश की तो इस बार उसे करारा जवाब मिलेगा.
बता दें कि राफेल फाइटर जेट की खासियत है कि वो तेजी से दुश्मन के इलाके में पहुंचकर सटीक निशाना साध सकता है. इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में ये फाइटर काफी ज्यादा कारगर है.
इस विमान से पहाड़ी की किसी चोटी पर मौजूद दुश्मन के छोटे बंकरों को भी तबाह किया जा सकता है. दसॉ एविएशन का राफेल 4.5 जेनेरेशन का दो इंजन, कनार्ड डेल्टा विंग, मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है.
फ्रांस से 5 राफेल विमानों का बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था. जिसके बाद 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस पर पांच राफेल विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया.
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