कोरोना काल में सरकारी इंतजाम और तैयारी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान राहुल गांधी ने कोरोना पर एक श्वेतपत्र (व्हाइट पेपर) जारी किया.
राहुल गांधी ने कहा,
कोविड मिसमैनेजमेंट पर एक रिपोर्ट कांग्रेस की टीम ने बनाई है. कोविड की समस्या आप सब जानते हैं, देश को जो दर्द पहुंचा. लाखों लोगों की मृत्यु हुई. हमने ये व्हाइट पेपर तैयार किया है, इसका लक्ष्य सिर्फ प्वाइंट आउट करना नहीं है बल्कि इससे सरकार की मदद करना, रास्ता दिखाना और चीजें ठीक करने का है.
राहुल गांधी ने ऑक्सीजन को कमी को लेकर लोगों की मौत पर पीएम मोदी पर हमला बोला. राहुल ने कहा, “ऐसे लोगों की भी मौत हुई जो बच सकते थे. PM के आंसुओं से नहीं ऑक्सीजन से बचेंगे मरीज. जोकि नहीं हुआ. मैं बहुत से लोगों को जानता हूं जिनके परिवार में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हुई है. पीएम के आंसू उन लोगों के दुख नहीं मिटा पाएंगे जिन्होंने अपनों को खो दिया.''
राहुल गांधी ने अपने श्वेतपत्र के जरिए कोरोना महामारी से निपटने को लेकर मोदी सरकार की कमिया गिनाते हुए कहा,
“पूरा देश जानता है कि दूसरी लहर से पहले हमारे वैज्ञानिक और डॉक्टर ने दूसरे वेव की बात की थी. लेकिन सरकार को जो कदम उठाना था वो नहीं हुआ. पूरा देश जानता है कि थर्ड वेव आने वाला है. इसलिए हम फिर कह रहे हैं कि सरकार को थर्ड वेव के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए. जो जरूरत है, अस्पताल बेड, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑक्सीजन, दवाइयों की जरूरत हैं, जो सेकंड वेव में नहीं की गई थी, उनको थर्ड वेव के लिए बिल्कुल करना चाहिए. तो ये हमारा लक्ष्य है.”
राहुल गांधी ने अपने श्वेतपत्र (व्हाइट पेपर) के जरिए चार पिलर या कहें सुझाव बताए हैं.
- दूसरी लहर में जो गलती हुई उसे ठीक किया जाए
- थर्ड वेव की तैयारी- ऑक्सीजन, अस्पताल, बेड, दवा की तैयारी पहले ही हो
- अर्थव्यवस्था पर काम- कोविड बायोलॉजिकल बीमारी ही नहीं, बल्कि इकॉनोमिक सोशल बीमारी है. ऐसे में छोटे और मध्यम बिजनेस को आर्थिक मदद देने की जरूर है. हमने न्याय की बात की थी. प्रधानमंत्री चाहें तो उसका नाम बदल दें लेकिन गरीबों को डायरेक्ट कैश बेनिफिट देने की जरूरत है.
- कोरोना से मौत पर मुआवजे के लिए फंड बने
राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार वैक्सीनेशन पर राज्यों को BJP-कांग्रेस में ना बांटे, सबको टीका लगना जरूरी है.
“मनमोहन सिंह का उड़ाया मजाक, फिर वही काम करना पड़ा”
राहुल गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा,
“अगर सरकार हमारे इस इनपुट को लेती है तो सरकार को फायदा होगी. जब मनमोहन सिंह ने सलाह दी तो सरकार के मंत्री ने मजाक उड़ाया, लेकिन दो महीने बाद वही सरकार को करना पड़ा.”
“कोरोना की जगह चुनाव पर थी पीएम की नजर”
राहुल गांधी ने पीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना काल में पीएम का फोकस चुनाव पर था. कोरोना काल में पीएम मोदी का फोकस महामारी को नियंत्रित करने पर ना होकर चुनाव पर था. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में बंगाल, असम जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहा था.
इससे पहले भी राहुल गांधी ने कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने में मोदी सरकार की ओर से असमर्थता जताए जाने पर राहुल ने नाराजगी जाहिर की थी. राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा खा,
जीवन की कीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवजा सिर्फ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार ये भी करने को तैयार नहीं. कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की क्रूरता!
राहुल ने योग दिवस पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की और कहा कि ये योग दिवस है, योग की आड़ में छिपने का दिन नहीं.
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