पीएम मोदी और उनकी सरकार के ऊपर लंदन में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणी पर एक तरफ बीजेपी विरोध कर रही तो दूसरी तरफ अडानी-हिंडनबर्ग मामले में विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग कर रहा. इस हंगामे के बीच आज संसद बिना किसी कामकाज के स्थगित कर दी गई. लंदन में अपनी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद गुरुवार, 16 मार्च को राहुल गांधी पहली बार लोकसभा में दिखाई दिए लेकिन दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ मिनट ही चलकर दिन भर के लिए स्थगित हो गयी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर भारतीय लोकतंत्र काम कर रहा होता, तो मैं संसद में बोल पाता.
“आज मेरे पहुंचने के 1 मिनट बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. कुछ दिन पहले जो मैंने सदन में नरेंद्र मोदी और अडानी जी के रिश्ते पर जो भाषण दिया उसे सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया. उस भाषण में ऐसी कोई चीज नहीं थी जो सार्वजनिक रिकॉर्ड में ना हो"राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि "मैंने सदन में स्पीकर से कहा कि मैं सदन में बोलना चाहता हूं. सरकार के 4 मंत्रियों ने मेरे ऊपर आरोप लगाया है तो मुझे अपनी बात रखने का हक है. मैं स्पष्ट नहीं कह सकता पर मुझे नहीं लगता है कि मुझे बोलने देंगे. मैं आशा करता हूं कि कल मुझे सदन में बोलने दिया जाएगा"
"अडानी मुद्दे पर सरकार और PM डरे हुए हैं"
राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "सरकार और पीएम अडानी मामले से डरे हुए हैं इसलिए उन्होंने यह 'तमाशा' तैयार किया है. मुझे लगता है कि मुझे संसद में बोलने नहीं दिया जाएगा. मुख्य प्रश्न यह है कि मोदीजी और अडानीजी के बीच क्या संबंध है?"
"मुझे सदन में नहीं बोलने दिया गया"
इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने कहा था कि अगर संसद में उन्हें बोलने की अनुमति दी जाती है तो वह सदन को बताएंगे कि वह इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं. इसके बाद संसद से बाहर निकलते समय राहुल ने संवाददाताओं से कहा, "अगर वे मुझे संसद में बोलने की अनुमति देते हैं तो मैं वही कहूंगा जो मुझे लगता है."
बता दें कि दोनों सदनों को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि राहुल गांधी की लंदन में की गई उनकी टिप्पणी पर माफी की मांग को लेकर गतिरोध लगातार चौथे दिन भी जारी रहा.
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