कांग्रेस पार्टी गुजरात और कर्नाटक चुनाव के बाद आने वाले मध्यप्रदेश चुनाव से पहले केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है. इस बार कांग्रेस किसानों के सहारे बीजेपी के किले में सेंध लगाने के मूड में है. इसी को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के मंदसौर में छह जून को किसानों की रैली को संबोधित करेंगे.
मध्यप्रदेश में पिछले साल छह जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की फायरिंग और पिटाई में छह लोगों की मौत हो गई थी. अब किसान आंदोलन पर भड़की हिंसा को एक साल पूरा होने पर किसानों ने शुक्रवार से 10 जून तक 'गांव बंद' आंदोलन का ऐलान किया है.
आंदोलन को समर्थन देते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वह देश में किसानों का साथ देने के लिए छह जून को मंदसौर में एक रैली को संबोधित करेंगे.
हमारे देश में रोज करीब 35 किसान आत्महत्या करते हैं. खेती की समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए किसान 10 दिनों तक आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं. अपने अन्नदाता के अधिकारों की लड़ाई को समर्थन देने के लिए, मैं छह जून को मंदसौर में किसानों की रैली को संबोधित करूंगा.राहुल गांधी, अध्यक्ष, कांग्रेस
बता दें इस आंदोलन में हुई हिंसा के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. यहां तक कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को मनाने के लिए उपवास तक रखा था. वैसे उपवास को लेकर विपक्षी पार्टियों समेत किसानों ने शिवराज की तगड़ी आलोचना भी की थी.
किसानों के आंदोलन से शिवराज सरकार में बेचैनी
मध्यप्रदेश में इसी साल चुनाव होने हैं एेसे में फिर से किसानों को आंदोलन के लिए जाते देख सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ी हुई दिखती हैं. अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार आंदोलन को ध्यान में रखते हुए किसानों से बॉन्ड तक भरवा रही है कि वे आंदोलन में किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करेंगे.
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता उनका कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ी थी, और इस बार ऐसा न हो, इसलिए कुछ लोगों से बॉन्ड भरवाए जा रहे हैं.
कांग्रेस का सरकार पर आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने बयान में कहा, "किसानों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन सीधे नरेंद्र मोदी सरकार की 'किसान विरोधी' नीतियों का नतीजा है. उन्होंने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर हताशा में विरोध प्रदर्शनों को दबाने का आरोप लगाया.
क्या हुआ था पिछले साल?
बता दें कि पिछले साल किसानों ने कर्जमाफी और पैदावार के वाजिब दाम की मांग को लेकर राज्य में एक से 10 जून तक आंदोलन किया था. इस दौरान 6 जून को मंदसौर में किसानों पर हुई पुलिस फायरिंग में 5 किसानों की मौत हुई थी जबकि बाद में एक किसान की पुलिस पिटाई से मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी. मंदसौर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था.
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