ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या राहुल, प्रियंका, सोनिया से इसलिए छिन गई SPG सुरक्षा?

राहुल गांधी ने 2005 से 2014 तक देश के अलग-अलग हिस्सों में नॉन-बुलेट रजिस्टेंट व्हीकल में 18 बार यात्रा की

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

गांधी परिवार से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूत्रों ने कहा है कि वे सुरक्षा का लगातार उल्लंघन करते रहे हैं, शायद इसी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया होगा. सरकारी सूत्र ने बताया कि राहुल गांधी ने 2005 से 2014 तक देश के अलग-अलग हिस्सों में नॉन-बुलेट रजिस्टेंट व्हीकल (नॉन-बीआर वाहन) में 18 बार यात्रा की. यह एक गंभीर उल्लंघन है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

247 मौकों पर नॉन-बीआर गाड़ियों का इस्तेमाल

इसके अलावा 2015 से इस साल मई तक पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा 1,892 मौकों पर दिल्ली में नॉन-बीआर वाहनों में यात्रा की गई. इस हिसाब से राहुल ने एक दिन में लगभग एक बार सुरक्षा कवच तोड़ा है. दिल्ली के बाहर की बात करें तो इस साल जून तक 247 मौकों पर उन्होंने नॉन-बीआर वाहनों का इस्तेमाल यात्रा के लिए किया.

इतना ही नहीं कई मौकों पर वह वाहन की छत पर यात्रा करते नजर आए, जोकि मोटर व्हीकल एक्ट और सुरक्षा सलाह की अवेहलना है.

सोनिया गांधी ने भी किया SPG सुरक्षा का उल्लंघन

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की बात की जाए तो वह भी सुरक्षा के उल्लंघन को लेकर ज्यादा पीछे नहीं हैं. दिल्ली में 2015 से 2019 तक उन्होंने एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल 50 मौकों पर नहीं किया. इन सभी अवसरों में से एक बार ऐसा भी हुआ जब राहुल गांधी ने उनके नॉन-बीआर वाहन को चलाया. 2019 तक उन्होंने पिछले पांच वर्षो में देश के विभिन्न स्थानों पर नॉन-बीआर वाहन में 13 अनिर्धारित यात्राएं कीं. 2015 के बाद से उन्होंने 24 विदेशी यात्राएं कीं, जिसमें वह एसपीजी के अधिकारियों को साथ लेकर नहीं गईं.प्रियंका गांधी ने में 339 मौकों पर एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल नहीं किया.

कांग्रेस महासचिव और प्रियंका गांधी ने 2015 के बाद 2019 तक दिल्ली में 339 मौकों पर एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल नहीं किया. राष्ट्रीय राजधानी के बाहर 64 मौकों पर उन्होंने एसपीजी बीआर व्हीकल के बिना यात्रा की. इन यात्राओं के संबंध में उन्होंने एसपीजी अधिकारियों की सलाह की परवाह किए बिना नॉन-बीआर व्हीकल का इस्तेमाल किया.

1991 के बाद से उन्होंने कुल 99 विदेशी यात्राएं कीं, लेकिन ऐसा सिर्फ 21 बार हुआ जब इस दौरान एसपीजी के जवान उनके साथ थे. बाकि 78 बार वे अपनी सुरक्षा में तैनात एसपीजी के जवानों को साथ लेकर नहीं गईं.

इस तरह के दौरों पर, उन्होंने अंतिम समय में अपनी यात्रा की योजना एसपीजी के साथ साझा की, जिसके चलते एसपीजी के लिए प्रियंका की सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों को नियुक्त करना असंभव हो गया.

प्रियंका ने लगाए थे आरोप

प्रियंका 2014 के बाद से कई मौकों पर यह आरोप लगाती आईं हैं कि एसपीजी उनकी निजी जानकारियों को इकट्ठा कर रही है और इन्हें अनधिकृत व्यक्ति के साथ साझा कर रही है. उन्होंने एसपीजी के शीर्ष अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई को लेकर भी चेतावनी दी थी. समय-समय पर एसपीजी इन आरोपों का खंडन करते हुए जवाब देता रहा है कि वह नियम के मुताबिक अपना काम करता रहा है.

अब जब गांधी परिवार से एसपीजी का सुरक्षा घेरा वापस ले लिया गया है तो सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस निर्णय को लेने में मोदी सरकार ने सुरक्षा उल्लंघनों पर भी विचार किया होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×