राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने, 19 विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस के मामले में, राजस्थान हाई कोर्ट के 21 जुलाई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस ले ली है.
स्पीकर जोशी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि राजस्थान हाई कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश के आलोक में याचिका वापस ली जा रही है.
बार एंड बेंच के मुताबिक, सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 21 जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई थी, जिसमें स्पीकर को निर्देश दिया गया था कि वह अयोग्यता नोटिस के आधार पर कोई कड़ी कार्रवाई न करें, इसके बाद हाई कोर्ट ने 24 जुलाई को एक विस्तृत आदेश दे दिया.
सिब्बल ने कहा कि 21 जुलाई के आदेश - जो मौजूदा एसएलपी (स्पेशल लीव पेटीशन) में चुनौती का विषय है - का हाई कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश के साथ "विलय" कर दिया गया है, और इसलिए, सुप्रीम कोर्ट में याचिका का कोई मतलब नहीं रह गया.
जोशी की तरफ से ही पेश होने वाले वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा, ''एसएलपी को एक नई एसएलपी दायर करने और सभी आधार खुले रखने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया गया है.''
बता दें कि कांग्रेस के 19 'बागी' विधायकों को विधानसभा स्पीकर की तरफ से जारी अयोग्यता नोटिसों पर राजस्थान हाई कोर्ट ने 24 जुलाई को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
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