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राजस्थान: कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में पांच गिरफ्तार, पूछताछ जारी

कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा फिर से करवाई जाएगी, एग्जाम की तारीख का ऐलान जल्द ही किया जाएगा.

Published
भारत
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राजस्थान (Rajsthan) रीट परीक्षा में पेपर वायरल होने का मामला अभी तक शांत भी नहीं हुआ था कि राजस्थान कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर के स्क्रीन शॉट वायरल होने का मामला सामने आया है. राजस्थान पुलिस ने इस पेपर को लीक मानते हुए फिर से एग्जाम करवाने का निर्देश दे दिये हैं. 14 मई को सेकेंड मीटिंग में जयपुर के दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक द्वारा पेपर को समय से पूर्व खोले जाने की वजह से इस पेपर को आउट हुआ माना गया है.

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कॉन्स्टेबल भर्ती एग्जाम में करीब पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. अब 14 मई की द्वितीय सेकेंड मीटिंग की परीक्षा फिर से करवाई जाएगी. एग्जाम की तारीख का ऐलान जल्द ही किया जाएगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक झोटवाड़ा के एक प्राईवेट स्कूल में स्क्रीन शॉट वायरल होने के बाद एसओजी एक्शन में आई और एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ खुद मौके पर पहुंचे. एसओजी ने मामला सही पाए जाने के बाद केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

अशोक राठौड़ ने बताया कि इस मामले में 9 लोगों को चिन्हित किया गया है. राठौड़ ने कहा कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जो भी इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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एग्जाम से पहले पेपर देने का झांसा देकर आरोपियों ने लिए लाखों रूपए

कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर एग्जाम से पहले उपलब्ध कराने का झांसा देने के आरोप में सोमवार को मथुरा गेट थाना पुलिस ने एक एसेंट गाड़ी में सवार पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों से पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में शकील गैंग का नाम सामने आया. इसमें शकील गद्दी निवासी कुंदेर, देवेंद्र, लाल सिंह व हेमंत सिंह नाम के व्यक्ति शामिल हैं. शकील अपनी गैंग में शामिल अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को झूठे प्रलोभन देकर परीक्षा से पूर्व पेपर उपलब्ध कराने कि कह उनसे मोटी रकम ऐंठ कर हड़प जाता है.

अभ्यर्थी शुभम को भी परीक्षा का पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देकर 2 लाख रुपए लिए थे. 13 मई को फर्स्ट मीटिंग में शुभम का कांस्टेबल का एग्जाम था. एग्जाम से पहले पेपर पाने के लिए उसने शकील को एडवांस में 2 लाख रुपए दिए थे.
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शकील ने वादे के मुताबिक उसे परीक्षा से पहले पेपर मुहैया नहीं कराया. एग्जाम की तारीख निकल जाने पर शुभम ने शकील से संपर्क किया तो उसने फर्जी पेपर भेज कर उस पेपर को दूसरे लोगों को बेचकर अपनी रकम जुटाने के लिए कहा.

इसके बाद शुभम ने कुछ युवकों को 14-15 मई की परीक्षा के लिए वह पेपर दिया पर फर्जी पेपर होने की वजह से उसे पैसे नहीं मिले. हिरासत में लिए गए पांचो आरोपियों के पास मिले मोबाइल में कांस्टेबल भर्ती संबंधित पेपर के नमूने व चैट मिलने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.

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