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राजस्थान: कोचिंग में खुदकुशी से मौत के बढ़ते मामलों को रोकने लिए नयी गाइडलाइन

IIT-मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षा में पास न होने की स्थिति में उपलब्ध करियर विकल्प के बारे में भी बताया जाएगा.

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राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंट्स के डिप्रेशन में आकर खुदकुशी से मौत जैसी घटनाओं के लगातार बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए सरकार ने स्टूडेंट्स को मानसिक संबल और सुरक्षा देने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को आईआईटी और मेडिकल संस्थानों की प्रवेश परीक्षाओं में पास न होने की स्थिति में उपलब्ध करियर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा. इसके अतिरिक्त संस्थान छोड़ने की स्थिति में आसान एक्जिट पॉलिसी और फीस रिफंड का भी प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस नयी गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है.

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CM गहलोत का आदेश: गहलोत ने प्रदेश के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की खुदकुशी से मौत की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग संस्थानों के प्रभावी नियम के लिए बनाए गए ‘राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ के लागू होने तक हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में इस गाइडलाइंस को मंजूरी दी है. राजस्थान का कोटा जिला देशभर में कोचिंग हब के नाम से जाना जाता है. यहां लगातार ऐसे प्रकरण सामने आ रहे है.

गाइडलाइंस में क्या है अहम? गाइडलाइंस के तहत, एक शिकायत पोर्टल का निर्माण किया जाएगा. साथ ही, नयी गाइडलाइंस में कोचिंग सेंटर के सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा. आवासीय कोचिंग संस्थानों में सभी प्रकार के मूवमेंट का डेटा संधारित करने का प्रावधान भी गाइडलाइंस में शामिल है.

कोचिंग संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार की मिथ्या प्रचार की रोकथाम की व्यवस्था गाइडलाइंस में की गई है. इन दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने इस गाइडलाइन को जारी करते हुए दावा किया है कि इससे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को एक तनावमुक्त और सुरक्षित माहौल मिल सकेगा.

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मेंटल हेल्थ हेल्प भी मिलेगी: गाइडलाइंस में स्टूडेंट्स पर प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण उत्पन्न हुए मानसिक तनाव और डिप्रेशन को ठीक करने के लिए मेंटल हेल्थ सेवा प्रदान करने का प्रावधान किया गया.

इसके अलावा प्रवेश ले चुके और हॉस्टल में निवास करने वाले स्टूडेंट्स की पूरी सुरक्षा, उनकी मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की व्यवस्थाएं, जिला प्रशासन स्तर पर पर्याप्त निगरानी तंत्र की स्थापना, कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए सुविधा केंद्र, साफ-सफाई का बेहतर प्रबंधन, कोचिंग संस्थानों के स्तर पर अपेक्षित कार्रवाई, कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियों की दिनचर्या में साइबर कैफे की सुविधा आदि दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं.

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कमेटी का गठन: कोचिंग संस्थानों द्वारा गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त गाइडलाइंस के अंतर्गत प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों, एनजीओ के प्रतिनिधि और मनोवैज्ञानिक तथा मोटिवेशनल स्पीकर और जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर शामिल हैं.

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