ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP के तमिलनाडु प्लान में अड़चन! AIADMK की दो टूक और रजनी का ऐलान

बीजेपी का ‘तमिलनाडु प्लान’ पूरी तरह से कामयाब होता नहीं दिख रहा है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अगले कुछ महीनों में तमिलनडु में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी इसके लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान AIADMK के साथ पार्टनरशिप की थी और विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी साथ आएंगी. हालांकि, बीजेपी का तमिलनाडु प्लान पूरी तरफ से कामयाब होता नहीं दिख रहा है. AIADMK ने कह दिया है कि 'बीजेपी की मनमानी नहीं चलेगी' और अब खबर आई है कि रजनीकांत राजनीति में एंट्री नहीं कर रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रजनी की राजनीति में एंट्री का बीजेपी से संबंध इसलिए माना जा रहा था, क्योंकि लोग रजनीकांत को 'वोट-कटवा' के तौर पर देख रहे थे. ऐसे में बीजेपी AIADMK के साथ मोलभाव करने की अच्छी स्थिति में होती क्योंकि रजनीकांत DMK और AIADMK के अच्छे-खासे वोट काट सकते थे.

AIADMK की दो टूक

27 दिसंबर को AIADMK के कैंपेन के पहले चरण के दौरान पार्टी सांसद केपी मुनुसामी ने बीजेपी पर 'निशाना' साधते हुए दो टूक कहा, "बीजेपी को मानना चाहिए कि AIADMK वरिष्ठ सहयोगी है, पार्टी पलानीस्वामी की सीएम पद की उम्मीदवारी को समर्थन दे या फिर वो अपने विकल्पों पर दोबारा सोच ले."

ये बयान अहम इसलिए है, क्योंकि मुनुसामी राज्य में चुनाव के डिप्टी कोऑर्डिनेटर भी हैं.

चाहे राष्ट्रीय पार्टी आए या क्षेत्रीय, सरकार की अध्यक्षता AIADMK ही करेगी. गठबंधन की सरकार का कोई स्कोप नहीं है और कोई जरूरत भी नहीं है. अगर कोई पार्टी हमारे पास इस इरादे से आती है, तो मैं आपसे दोबारा सोचने की अपील करूंगा. 
केपी मुनुसामी, AIADMK MP

हालांकि, सीएम ई पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने बीजेपी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन चुनावी कैंपेन के दौरान मुनुसामी जैसे नेता का ये बयान देना पार्टी की स्थिति साफ कर देता है.

बीजेपी का तमिलनाडु में कोई विधायक या सांसद नहीं है और राज्य में एंट्री के लिए उसे AIADMK की जरूरत पड़ेगी. रजनीकांत के ऐलान के बाद बीजेपी के लिए AIADMK से मोलभाव करना और भी मुश्किल हो सकता है क्योंकि बीजेपी के पास विपक्षी पार्टी DMK के पास जाने का विकल्प नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक रवींद्रन ने क्विंट से कहा, “जब बात सीट और पावर शेयरिंग की आती है, तो मुद्दे और विवाद उठ सकते हैं. बीजेपी को अच्छे से समझौता करना पड़ेगा.”  

रजनीकांत के ऐलान से बीजेपी को नुकसान?

हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद अस्पताल में एडमिट हुए रजनीकांत की राजनीति में एंट्री को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. अब डिस्चार्ज होने के दो दिन बाद रजनीकांत ने बयान जारी कर कहा कि 'वो अभी राजनीति में नहीं आएंगे, लेकिन लोगों के लिए काम करते रहेंगे.'

रजनीकांत 31 दिसंबर को अपनी पार्टी का ऐलान करने वाले थे, जिसके बाद जनवरी में पार्टी लॉन्च का प्लान था.

रजनीकांत को आलोचक से लेकर विपक्ष बीजेपी की 'बी-टीम' बता रहे थे. ऐसा कहा जा रहा था कि रजनी AIADMK और DMK दोनों के वोट काट सकते हैं. हालांकि, रजनीकांत की 'आध्यात्मिक राजनीति' की टैगलाइन से ज्यादा नुकसान AIADMK का हो सकता था. ऐसे में बीजेपी गठबंधन में AIADMK से मोलभाव करने की अच्छी स्थिति में होती.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×