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अब राज्यसभा के हर मेंबर का बनेगा रिपोर्ट कार्ड

11 फरवरी को खत्म हुये बजट सत्र के पहले चरण की विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की गयी है.

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संसद के हर सत्र के दौरान राज्यसभा में सभी सदस्यों की भागीदारी और उनके प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही सत्र के समापन पर इसे हर सदस्य को मुहैया भी कराया जायेगा.

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा सचिवालय को निर्देश दिया है कि संसद के हर सत्र के दौरान उच्च सदन में हर सदस्य की भागीदारी की अलग रिपोर्ट बना कर सत्र खत्म होने के बाद इसे सदस्यों को दिया जाए.

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राज्यसभा सचिवालय ने उच्च सदन की कार्यवाही में सदस्यों की भागीदारी को लेकर नायडू के निर्देश पर अपने तरह का पहला विश्लेषण भी किया है. इसमें 11 फरवरी को खत्म हुये बजट सत्र के पहले चरण की विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की गयी है.

रिपोर्ट के अनुसार उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों को अपनी बात रखने के ज्यादा अवसर मिले हैं.

बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी को शुरु हुआ था. इस सत्र का दूसरा चरण दो मार्च को शुरु होकर तीन अप्रैल तक चलेगा.

सदस्यों को मिले 1460 अवसर- रिपोर्ट

विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल सहित अन्य अवसरों पर नियमित कार्यवाही के दौरान विभिन्न सदस्यों को अपनी बात कहने के लिये कुल 1460 अवसर मुहैया कराए गए.

इनमें एक तिहाई अवसर (लगभग 33 प्रतिशत) बीजेपी को मिले. राज्यसभा में कुल 239 सदस्यों में 82 सदस्यों वाली भाजपा की हिस्सेदारी (34 प्रतिशत) है, जबकि सदन में 42 सदस्यों के साथ कांग्रेस की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत है और कांग्रेस के सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने के 345 अवसर (24 प्रतिशत) मिले.

सदन में किस पार्टी को मिली कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी

बजट सत्र के पहले चरण की विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा में पांच या इससे अधिक सदस्यों वाले दस मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के 190 सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने के 81 प्रतिशत अवसर मिले. इन दलों के सदस्यों की सदन में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है.

सदस्य संख्या के लिहाज से सदन में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय सदस्यों को अपनी बात कहने के 19 प्रतिशत अवसर मुहैया कराए गए. विश्लेषण में यह बात उजागर करने की कोशिश की गई है कि उच्च सदन में विभिन्न दलों की हिस्सेदारी के मुताबिक उनके सदस्यों को अपनी बात रखने के समान अवसर मिले.

इसके अनुसार आठ गैर एनडीए दलों के सदस्यों को सदन में हिस्सेदारी के अनुपात के लिहाज से अपनी बात कहने के अधिक अवसर मिले जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों को सदन में अपनी हिस्सेदारी से एक प्रतिशत कम अवसर मिले. इसी प्रकार एनडीए के घटक दल जेडीयू के सदस्यों की सदन में हिस्सेदारी 2.51 प्रतिशत है जबकि जेडीयू के सदस्यों को सदन में अपनी बात कहने के 0.55 प्रतिशत अवसर मिले.

विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार गैर एनडीए दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईडीएमके के सदस्यों को अपनी बात कहने के आनुपातिक तौर पर अधिक अवसर मिले, जबकि बीजेडी, डीएमके, टीआरएस और सीपीएम को सदन में सदस्यों की हिस्सेदारी के अनुरूप अवसर मिले. सिर्फ एसपी के सदस्यों को अपनी बात कहने के कम अवसर मिले.

राज्यसभा में बजट सत्र के पहले चरण की कार्यवाही

राज्यसभा में बजट सत्र के पहल चरण की कार्यवाही के दौरान 107 सदस्यों ने प्रश्नकाल में और सौ सदस्यों ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और बजट प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया. जबकि 76 सदस्यों ने शून्यकाल में, 33 सदस्यों ने विशेष उल्लेख के विषय प्रस्तुत करने में और 24 सदस्यों ने निजी विधेयक पेश किए. इस दौरान सदन में 118 सदस्यों के 1120 अतारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर सदन पटल पर प्रस्तुत किए गए.

विश्लेषण में यह बात भी सामने आयी है कि सदन में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने में क्षेत्रीय दलों के सदस्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा. महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने वाले 30 अग्रणी सदस्यों में क्षेत्रीय दलों के 18 सदस्य (60 प्रतिशत) शामिल हैं, जबकि आठ बीजेपी और चार कांग्रेस के सदस्यों ने इस मामले में 40 प्रतिशत भागीदारी दर्ज कराई.

(इनपुट भाषा से)

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