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राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा करें राष्ट्रपति- बोले उद्धव, अखिलेश-मायावती का क्या स्टैंड?

Ram Mandir Consecration: क्या अखिलेश यादव और मायावती राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होंगे?

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भारत
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राम मंदिर (Ram Mandir Inauguration) में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कहा कि यूपी के दोनों पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती को उन्होंने न्योता भेजा है. उधर, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग कर डाली. उन्होंने कहा "राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का भी सपना था. आज मंदिर का निर्माण हो रहा है, यह खुशी का क्षण है."

चलिए जानते हैं कि राम मंदिर को लेकर उद्धव ठाकरे ने क्या कहा और इसको लेकर मायावती और अखिलेश यादव का क्या स्टैंड है?

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शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 13 जनवरी को मांग की कि अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाए, क्योंकि यह "राष्ट्रीय गौरव और देश के स्वाभिमान" का मामला है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, ठाकरे ने कहा "वे राष्ट्रपति मुर्मू को नासिक के कालाराम मंदिर में आमंत्रित करेंगे, जहां उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के दिन पूजा-पाठ रखा है.

"राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का भी सपना था. आज मंदिर का निर्माण हो रहा है यह खुशी का क्षण है. शंकराचार्य से विचार-विमर्श करना चाहिए था. हम 22 जनवरी को गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे."

उद्धव ठाकरे ने पहले ही घोषणा की थी कि 22 जनवरी को वे अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ नासिक में ऐतिहासिक कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर 'महा आरती' करेंगे. एक दिन बाद (23 जनवरी को) पार्टी नासिक में पार्टी पदाधिकारियों का एक सम्मेलन भी आयोजित करेगी, जहां ठाकरे एक रैली को संबोधित करेंगे.

ठाकरे ने आगे कहा कि गुजरात में सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद, औपचारिक जीर्णोद्धार समारोह देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आयोजित किया था.

उन्होंने आगे कहा..

"चूंकि यह (अयोध्या राम मंदिर) राष्ट्रीय गौरव का विषय है और देश के स्वाभिमान से जुड़ा है, इसलिए प्रतिष्ठा समारोह राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा आयोजित किया जाना चाहिए."
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प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होंगे अखिलेश-मायावती?

विश्व हिंदू परिषद के अनुसार, BSP चीफ मायावती को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया गया है. मायावती ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है लेकिन वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी.

इधर, अखिलेश यादव के भी अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' में शामिल होने पर संशय बना हुआ है. हाल ही में, अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है.

हालांकि, विहिप ने कहा कि अखिलेश को कूरियर के जरिए 22 जनवरी का निमंत्रण भेजा गया है.

'अखिलेश यादव को कूरियर द्वारा निमंत्रण भेजा गया था. देखते हैं भगवान राम उन्हें बुलाते हैं या नहीं. मायावती को हमारा निमंत्रण मिला है. उन्होंने इसे स्वीकार किया, लेकिन वे समारोह में शामिल नहीं होंगी."

राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति नहीं आएंगे: VHP

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बातचीत में कहा... "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को आमंत्रित किया गया है, लेकिन वे 22 जनवरी को नहीं आएंगे. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की यात्रा में प्रोटोकॉल शामिल होते हैं. कुमार ने कहा “उन्होंने संकेत दिया है कि वे राम मंदिर ट्रस्ट के साथ चर्चा के बाद बाद में सुविधाजनक तारीख पर आएंगे.”

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