रामचंद्र गुहा ने अपने लेख में छेड़छाड़ करने पर सार्वजनिक तौर पर हिंदुस्तान टाइम्स को लताड़ लगाई है. गुहा के मुताबिक, उन्होंने अपने लेख में अंधराष्ट्रवाद फैलाने वाले मीडिया हाउस के नामों की पहचान कर उनकी आलोचना की थी. लेकिन इन नामों को अखबार ने छापते वक्त हटा दिया था.
उन नामों में जी न्यूज, आजतक, टाइम्स नाउ और रिपब्लिक जैसे चैनल शामिल थे.
...तो नहीं लिखूंगा: गुहा
रामचंद्र गुहा ने ट्विटर पर लिखा कि मेरी इजाजत के बिना इन नामों को हटाया गया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन्हें ऑनलाइन वर्जन में उनके मूल लेख की तरह नहीं जोड़ा गया, तो वे अखबार में अपना लेख लिखना बंद कर देंगे.
अखबार आया हरकत में
गुहा ने आगे बताया कि इसके बाद अखबार हरकत में आया और उसने आपत्तियों का समाधान करने का वायदा किया है. अखबार ने मीडिया हाउस की आलोचना से संबंधित जो शब्द काटे थे, अब उन्हें दोबारा लेख में जोड़ा जाएगा.
रामचंद्र गुहा के मुताबिक, ’’एक साल पहले भी ऐसी ही हरकत की गई थी, उस दौरान उन्होंने एक अहम औद्योगिक घराने की आलोचना की थी.’’ उस वक्त भी गुहा ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद अखबार ने लिखित में वायदा किया था कि उनके लेख में किसी भी तरह के फेरबदल के पहले उनसे सहमति ली जाएगी. लेकिन अखबार ने यह वायदा तोड़ दिया.
क्या लिखा था गुहा ने...
रामचंद्र गुहा ने भारत की आर्थिक-राजनीतिक बदलती परिस्थितियों पर आर्टिकल लिखा था, जिसमें एक जगह उन्होंने लिखा, ‘टाइम्स नाउ, रिपब्लिक, आज तक और जी न्यूज जैसे चैनलों ने दुनिया के सामने एक आम भारतीय की तस्वीर एक संकीर्ण दिमाग वाले और असुरक्षा की भावना से भरे इंसान के तौर पर पेश की है.’
अखबार ने रविवार को छपे उनके कॉलम से इन मीडिया चैनल्स के नाम हटा दिए थे, जिसे लेकर गुहा नाराज थे.
रामचंद गुहा की चेतावनी के बाद ऑनलाइन उपलब्ध लेख में उन नामों को जोड़ दिया गया है.
इनपुट सोर्स: रामचंद्र गुहा का ट्विटर हैंडिल और हिंदुस्तान टाइम्स में लिखा उनका लेख
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