गलवानी घाटी में 15-16 जून की रात चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एंगेजमेंट के नियम बदल दिए हैं. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बदले हुए नियमों के तहत फील्ड कमांडर्स को असाधारण परिस्थितियों में सैनिकों को फायरआर्म्स के इस्तेमाल का आदेश देने का अधिकार दिया गया है.
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने इस कदम पर ट्वीट कर कहा है, ''यह अच्छा है कि भारत ने फील्ड कमांडर्स को झड़प के दौरान गन के इस्तेमाल की मंजूरी देने की अनुमति देते हुए चीन सीमा पर एंगेजमेंट के नियमों को बदल दिया.''
चेलानी के मुताबिक, घातक झड़पों के जोखिम के बावजूद, बदले हुए नियम चीनी सेना के लिए क्षेत्रीय विस्तार को बढ़ावा देना महंगा बना देंगे.
चेलानी ने कहा कि 1996 के CBM अकॉर्ड में फायरआर्म्स का इस्तेमाल न करना (आर्टिकल VI) शांतिमय परिस्थियों से संबंधित है. इसके आगे उन्होंने कहा, ‘’यह एक तरफ से दूसरे के खिलाफ आक्रामकता से संबंधित नहीं है. अगर आर्टिकल VI पहले ही सही तरीके से पढ़ा गया होता, तो भारत 20 सैनिकों को नहीं खोता.’’
'ग्लोबल टाइम्स' के एडिटर ने दी ये प्रतिक्रिया
चीनी सरकार द्वारा संचालित अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के एडिटर-इन-चीफ हू शिजिन ने भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
शिजिन ने ट्वीट कर कहा है, ''भारतीय मीडिया ने बताया है कि चीन के साथ सीमा पर भारतीय सेना को "कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता" दी गई है, जिसमें "असाधारण परिस्थितियों" में फायरआर्म्स का इस्तेमाल भी शामिल है. अगर यह सच है, तो यह समझौते का गंभीर उल्लंघन है और भारतीय पक्ष ऐसी किसी कार्रवाई के लिए भारी कीमत चुकाएगा.''
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