विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन पूरे होने के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. जयशंकर ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का ही हिस्सा है.
जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दिए गए बयान, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान से अगर बातचीत होगी तो सिर्फ पीओके पर होगी पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.
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‘‘पीओके पर हमारा स्टैंड हमेशा से यही है और रहेगा कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम आशा करते हैं कि एक दिन वो हमारे अधिकार क्षेत्र में होगा.’’(एस जयशंकर, विदेश मंत्री)
कुलभूषण जाधव का हाल जानना प्राथमिकता थी :जयशंकर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा कि भारत ने जाधव के साथ संपर्क साधने के लिए कई जरियों पर विचार किया था. साथ ही जाधव का हाल जानना भी हमारी प्राथमिकता है. जयशंकर ने ये भी कहा कि हम बातचीत शुरू करना चाहते थे भले ही वो बातचीत कितनी भी असंतोषजनक निकलती.
‘‘कुलभूषण जाधव के मामले में हमारी प्रथमिकता थी कि उनका हाल जाना जाए. साथ ही हम कुलभूषण जाधव तक अपनी पहुंच भी बनाना चाहते थे. और आखिरकार हम ऐसे उपाय की ओर बढ़ते ,जिससे कि एक बेगुनाह शख्स को वापस देश लाया जाता.’’(एस जयशंकर, विदेश मंत्री)
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया था और पाकिस्तान के एक मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को फांसी की सजा दी थी. कुलभूषण जाधव पर जासूसी और आतंकवाद के आरोप हैं. भारत ने जाधव पर लगे आरोपों को खारिज किया, फांसी के फैसले के खिलाफ इस मामले को ICJ मे ले गया.
ICJ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पाकिस्तान को आदेश दिए थे कि वो कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मुहैया कराए. पाकिस्तान ने बाद में एक चिट्ठी जारी की थी जिसमें कहा गया कि वो आईसीजे के फैसले को मानते हुए जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दे रही है. इसके बाद पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात भी की थी. इस मुलाकात के बाद कहा गया कि कुलभूषण जाधव पर बहुत ज्यादा दबाव है.
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