समाजवादी पार्टी ने यूपी के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए रविवार को अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में गोरखपुर सीट के उपचुनाव के लिए प्रवीण निषाद और फूलपुर सीट से नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल की उम्मीवारी पर भी मुहर लगा दी.
सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि प्रवीण ‘निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल' (निषाद पार्टी) के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं. इन्होंने रविवार को ही एसपी की सदस्यता ली है. वहीं फूलपुर सीट से उम्मीदवार नागेन्द्र पटेल पूर्व में सपा की राज्य कार्यकारिणी में रह चुके हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में एसपी की सहयोगी रही कांग्रेस इन दोनों सीटों पर पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान कांग्रेस के साथ गठबंधन के भविष्य के संबंध में किए गए सवालों का कोई सीधा जवाब ना देते हुए कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य चुनाव में साम्प्रदायिक शक्तियों को हराना है.''
उन्होंने मतदाताओं से साथ देने की अपील करते हुए कहा कि योगी सरकार में प्रशासन लचर हालत में पहुंच गया है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों मासूम बच्चों की जान चली गई, लेकिन सरकार ने कोई खास कदम नहीं उठाए. बाद में वहां के प्रधानाचार्य के ऑफिस में आग लगने से सबूत भी जलकर राख हो गए.
मैं गोरखपुर की जनता से इस उपचुनाव में सच्चाई के साथ मैदान में उतरने वालों का साथ देने की अपील करता हूं. अब वक्त है, आप भ्रष्ट सरकार के उम्मीदवारों को सबक सिखाएं.अखिलेश यादव, अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी
बता दें, गोरखपुर लोकसभा सीट योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के कारण इस्तीफा देने और फूलपुर लोकसभा सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र दिये जाने की वजह से खाली हुई है. इन सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 11 मार्च को होना है. रिजल्ट 14 मार्च को घोषित होंगे.
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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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