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BJP नेताओं के साथ तस्वीरें, कई आधार कार्ड्स: कैसे ठगी करता था UP का ठग संजय राय?

Sanjay Rai को यूपी पुलिस ने 25 अप्रैल को कानपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था

Published
भारत
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BJP नेताओं के साथ तस्वीरें, कई आधार कार्ड्स: कैसे ठगी करता था UP का ठग संजय राय?
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'ठग' संजय प्रकाश राय (Conman Sanjay Rai) को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फाॅर्स (UP STF) की एक टीम ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी (BJP) के नेताओं के साथ खुद को करीबी दिखाकर कथित रूप से लोगों से पैसे ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

संजय प्रकाश राय की कई तस्वीरें बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रमुख समाचार एंकरों के साथ हैं. राय ने इन तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर व्यापक रूप से शेयर किया, जिन्हें अब डिएक्टिवेट कर दिया गया है.

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ राय की एक तस्वीर.

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

BJP प्रमुख जेपी नड्डा के साथ राय की एक तस्वीर.

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ राय.

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

25 अप्रैल 2023 को गाजीपुर निवासी संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया को कानपुर रेलवे स्टेशन से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह सुहेलदेव एक्सप्रेस में सवार था.

एसटीएफ इंस्पेक्टर सचिन कुमार की लिखित शिकायत के आधार पर राय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया था.

राय के खिलाफ मामले में कहा गया है कि उसने व्यक्तिगत लाभ के लिए और भ्रामक तथ्यों के आधार पर ये सभी गतिविधियां कीं. एफआईआर में दर्ज शिकायत के एक अंश में कहा गया है, "उनका (संजय राय) मुख्य काम लोगों को सरकार और बड़े अधिकारियों तक अपनी पहुंच दिखाकर धन उगाहना, हवाला और टैक्स चोरी करना था."

न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ राय की एक तस्वीर.

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

पत्रकार रजत शर्मा के साथ राय.

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

जांच एजेंसियां पैसों की जांच करते करते ठग तक पहुंचे

सूत्रों की माने तो राय के फर्जीवाड़े का कारोबार यूपी, दिल्ली और गुजरात में फैला हुआ है. कई बैंकों द्वारा कर्ज न चुकाने के मामलों में भी उसे डिफाल्टर घोषित किया जा चुका है. राय पहली बार इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की जांच के दायरे में आए थे, जब उसके द्वारा प्रमोटेड एक फाउंडेशन के बैंक खाते में कथित रूप से 6 करोड़ रुपये डाले गए थे.

राय ने एक डमी डायरेक्टर के नाम से 'यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन' नाम से एक निजी कंपनी रजिस्टर कराई थी. जबकि वे खुद कंपनी में किसी पद पर नहीं था, उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद को मुख्य कार्यकारी के रूप में प्रचारित किया.

जब जांच एजेंसियों द्वारा कंपनी के बैंक खाते का विवरण मांगा गया, तो 21 और 23 जनवरी 2023 को क्रमशः 5 करोड़ रुपये और 1 करोड़ रुपये के दो लेनदेन में फाउंडेशन के खाते में 6 करोड़ रुपये डाले गए.

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पूछताछ के दौरान राय ने कहा कि यह पैसा उन्हें उद्योगपति गौरव डालमिया ने दिया था. राय के खिलाफ दर्ज एफआईआर के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियां वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में डालमिया की जांच कर रही थीं. इस वजह से उसने राय को उसके खिलाफ मामला वापस लेने के लिए पैसे दिए थे.

कई आईडी, मेम्बरशिप कार्ड बरामद

राय के पास से दो अलग-अलग पते वाले आधार कार्ड और अन्य सदस्यता कार्ड भी बरामद किए गए. एक पता सेंट्रल दिल्ली और दूसरा गुड़गांव में था.

उसके पास से दिल्ली जिमखाना, वाईएमसीए इंटरनेशनल सेंटर और क्लब 19 से जुड़े तीन मेम्बरशिप कार्ड भी पाए गए हैं. उसके पास से पुलिस उपायुक्त की मुहर वाला एक मूवमेंट पास भी बरामद किया गया.

यूपी एसटीएफ ने कहा कि राय ने दावा किया कि वह लोगों को अलग-अलग आईडी कार्ड देकर उनसे ठगी करता था ताकि उसकी वास्तविक पहचान का पता ना लग सके.

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