जिसकी भविष्यवाणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनवरी में ही चुनावी रैलियों में कर रहे थे, वह अब जाकर सच साबित हुई है. दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार (Satyendar Jain Arrest) कर लिया है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) कैबिनेट में स्वास्थ्य, गृह, बिजली और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
2017 में CBI ने की FIR दर्ज, 2022 में 4.81 करोड़ की संपत्ति अटैच
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अगस्त 2017 में सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के खिलाफ कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में FIR दर्ज की थी.
CBI ने आरोप लगाया कि सत्येंद्र जैन और उनके परिवार ने 2011-12 में ₹ 11.78 करोड़ और 2015-16 में ₹ 4.63 करोड़ रूपये की लॉन्ड्रिंग (ब्लैक मनी से व्हाइट बनाना) के लिए चार शेल कंपनियां शुरू की, जो वास्तव में किसी बिजनेस में नहीं जुड़ीं थीं.
इसके बाद ED ने CBI की इस FIR के आधार पर सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की.
ED ने कई बार सत्येंद्र जैन को पूछताछ के लिए बुलाया और अप्रैल 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन और उनके रिश्तेदारों से कथित रूप से जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया. ED ने तब अपने बयान में कहा कि
"जांच में यह बात सामने आई है कि साल 2015-16 के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक पब्लिक सर्वेंट थे, तो उनके लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के रास्ते से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद पैसा ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की स्थानीय एंट्री प्राप्त हुईं"
ED के अनुसार "इन पैसों का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास खेती की जमीन की खरीद के लिए लिए गए लोन चुकाने के लिए किया गया था."
अब ED ने इसी मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा एक्शन लेते हुए सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया है.
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