‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम की वजह से हुई कई बच्चों की मौत के बाद एक वकील की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से इस जानलेवा गेम पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई. जिसके बाद सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और तीन हफ्ते के अंदर इस पर रिपोर्ट मांगी है.
आपको बता दें कि ब्लू व्हेल गेम को लेकर देश की अलग-अलग अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं लेकिन अभी भी कई जगहों पर इस गेम को बैन नहीं किया गया है. इस गेम को खेलकर बच्चों की आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
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इसके अलावा जानलेवा ऑनलाइन ब्लू व्हेल गेम को बैन करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, फेसबुक, याहू और केंद्र सरकार को शो कॉज नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा था. हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार से लेकर गूगल, याहू और फेसबुक को जवाब देना होगा कि इस जानलेवा गेम को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
केंद्र सरकार ने पहले ही इस गेम पर लगाई रोक
हालांकि केंद्र सरकार पहले ही इस गेम पर रोक लगा चुकी है. सरकार ने बच्चों पर इस गेम के साइड इफेक्ट की शिकायत के बाद रोक लगाते हुए प्रमुख सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह गेम डाउनलोड करने से जुड़े लिंक हटाने को कहा था लेकिन उसका कितना असर हुआ है उसके बारे में ही कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है.
क्या है ब्लू व्हेल चैलेंज?
ये एक ऐसा चैलेंज है, जिसमें आपको ग्रुप एडमिन के दिए कई टास्क को पूरा करना होता है 50 दिनों के अंदर. शुरुआत में एक डरावनी पिक्चर देखने से शुरुआत होती है और आगे-आगे खेल खुद को चोट पहुंचाने तक बढ़ जाता है.
50वें दिन इस गेम में हिस्सा लेने वाले को अपनी जान लेने को कहा जाता है और फोटो या वीडियो के जरिए इस चैलेंज को पूरा करना होता है. ये एक जानलेवा गेम है.
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