ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर को SC से झटका,गिरफ्तारी से रोक हटाई

सारदा चिटफंड मामले में CBI की पूछताछ के बाद चर्चा में आए थे राजीव कुमार

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को करोड़ों रुपए के सारदा चिट फंड मामले में उन्हें सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने से रोक हटा ली है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की छूट दे दी है. कोर्ट ने राजीव कुमार को गिरफ्तारी से बचने के लिए सात दिन की मोहलत दी है. हालांकि इस एक हफ्ते में वो अग्रिम जमानत याचिका जैसे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें सारदा चिट फंड मामले में उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी. इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार हफ्ते के अंदर राजीव कुमार की प्रतिक्रिया मांगी.

राजीव कुमार पर क्या हैं आरोप?

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सारदा चिटफंड मामले में वह राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, क्योंकि इस बारे में पहली नजर में सबूत हैं कि वे मामले के सबूतों को कथित तौर पर नष्ट करने या उनसे छेडछाड़ करने की कोशिश कर रहे थे. साथ ही उनपर ये आरोप भी लगाया गया कि वे मामले में ऊंचे और ताकतवर लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे थे.

चिटफंड मामले में CBI की पूछताछ के बाद चर्चा में आए थे राजीव कुमार


फरवरी महीने की शुरुआत में सीबीआई की एक टीम सारदा और रोज वैली पोंजी घोटालों में पूछताछ के सिलसिले में राजीव कुमार के घर पहुंची थी. कुमार ने इन मामलों की जांच के लिए गठित हुई एसआईटी की अगुआई की थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये मामले सीबीआई के पास चले गए थे.
कोलकाता पुलिस के प्रमुख के घर सीबीआई की टीम पहुंचने के बाद विवाद खड़ा हो गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजीव कुमार का बचाव किया था. वह उनके समर्थन में धरने पर बैठ गईं थीं. करीब तीन दिन तक हंगामा चलने के बाद यह मामला कोर्ट में पहुंच गया था. इसके बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.

कौन हैं कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार?

राजीव कुमार 1989 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं. कुमार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बेहद भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है. उन्हें 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ की जगह कोलकाता पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया गया था. इससे पहले कुमार विधाननगर पुलिस कमिश्नरी में बतौर पुलिस कमिश्नर भी तैनात रह चुके हैं. इसके अलावा वह कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं.

राजीव कुमार ने शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की अगुवाई भी की थी. ये मामले साल 2013 में सामने आए थे.

ये भी पढ़ें - CBI पूछताछ के शिकार कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का तबादला

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×