वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
दिल्ली के शाहीन बाग को सुर्खियों में रहने की आदत पड़ गई है. कभी वहां नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में देश भर के कलाकार पहुंच जाते हैं तो सुर्खियां. कभी अलग-अलग चैनलों के एडिटर एक साथ कवरेज करने पहुंच जाते हैं तो सुर्खियां. कभी वहां फायरिंग हो जाती है तो सुर्खियां...
बुर्का पहनकर वीडियो बनाने घुसी YouTuber
उसी शाहीन बाग में 5 फरवरी को एक अजीबोगरीब घटना घटी. बुर्का पहने एक लड़की शाहीन बाग पहुंची और प्रदर्शकारियों के बीच वीडियो बनाने लगी. इसी दौरान उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं से कुछ ऐसे सवाल पूछे जिनसे लोगों को उन पर शक हुआ. मौके पर मौजूद महिलाओं ने उनसे पूछताछ की. मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक उन्होंने अपना नाम बरखा बताया. लेकिन पूछताछ जारी रखने पर पता चला कि उनका असली नाम गुंजा कपूर है. शक बढ़ने पर शाहीन बाग में मौजूद लोगों ने पुलिस को बुलाया तो पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें अपने साथ ले गई.
मेनस्ट्रीम मीडिया के YouTube चैनलों पर ये खबर क्यों नहीं?
शाहीन बाग जैसी संवेदनशील जगह पर पहचान छुपाकर पहुंची एक लड़की के पकड़े जाने पर सोशल मीडिया में हड़कंप मच गया. घटना से जुड़े स्टिल और वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में तैरने लगे. लेकिन एक बात गौर करने लायक थी. शाहीन बाग से जुड़ी हर बात को शिद्दत से कवर कर रहे ज्यादातर मेनस्टरीम मीडिया के यूट्यूब चैनलों से गुंजा कपूर की खबर गायब थी.
धरे जाने के बाद लोगों से बातचीत में गुंजा ने ये भी कहा कि जाओ मेरा नाम गूगल पर सर्च कर लो पता चल जाएगा मैं कौन हूं...मेरा यूट्यूब चैनल भी है...
तो हम भी यूट्यूब पर गए. ये खबर दोपहर करीब 12 बजे सामने आई. करीब 6 घंटे बाद हमने यूट्यूब पर गुंजा कपूर, गुंजा कपूर शाहीन बाग, शाहीन बाग गुंजा कपूर जैसे की-वर्ड्स के साथ जनरल सर्च किया लेकिन मेनस्ट्रीम खबरिया चैनलों की कोई क्लिप शुरुआत के 20-25 वीडियो में भी नजर नहीं आती. अलग अलग टाइप से सर्च कर लिया तमाम छोटे यूट्यूब चैनल तो दिखते हैं लेकिन मेनस्ट्रीब खबरिया चैनलों की क्लिप गायब है.
हमारा छोटा सा सवाल है
अब हमारा छोटा सा सवाल है. सवाल ये कि शाहीन बाग में फायरिंग करने वाले कपिल गुर्जर के तार आम आदमी पार्टी से जुड़ने पर स्क्रीन तोड़ देने वाले मेनस्ट्रीम मीडिया के Youtube चैनलों में ‘बुर्काधारी’ गुंजा कपूर के पकड़े जाने पर इतना सन्नाटा क्यों है भाई?
कौन हैं गुंजा कपूर?
गुंजा कपूर सोशल मीडिया यानी ट्विटर से लेकर यूट्यूब तक खासी एक्टिव दिखती हैं. उनके नाम से बने ट्विटर एकाउंट में उन्हें एनालिस्ट और लेखक के तौर पर पेश किया गया है. खास बात है कि इस एकाउंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं.
गुंजन कई न्यूज वेबसाइट्स पर बतौर राजनीतिक विश्लेषक लिखती हैं और कई बार खबरिया तैनलों पर बीजेपी के पक्ष में अपनी बात रखती नजर आती हैं. सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में वो अकसर राइट विंग विचारधारा का समर्थन और बीजेपी विरोधियों की लानत-मलानत करती नजर आती हैं. मतलब गुंजन की क्रोनोलॉजी कुछ कुछ वैसी ही है जिसके बलबूते बग्गा को बीजेपी का टिकट तक मिल गया है..
तो क्या गुंजा की विचारधारा का उन्हें ना मिलने वाली कवरेज से कोई रिश्ता है.हम इस बात पर सवाल नहीं उठा रहे कि गुंजा का बुर्का पहन कर, अपनी पहचान छुपाकर शाहीन बाग जाना सही था या नहीं. लेकिन इसका खुलासा होने के बाद मेनस्ट्रीम मीडिया का इस खबर से कन्नी काटना वाकई चौंकाने वाला है.
तो क्या वाकई मेनस्ट्रीम मीडिया को इसमें कवर करने लायक कोई खबर नजर नहीं आई या इस खआमोशी के पीछे कोई डिजाइन है?
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