हैदराबाद में रेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर पर संसद के कई सदस्यों ने खुशी जताई है. वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि खून की मांग करना संसद का काम नहीं है. लोगों द्वारा त्वरित न्याय की मांग के सवाल पर थरूर ने कहा-
कई लोगों को लगता है कि हमारी कानून व्यवस्था धीमी, अपर्याप्त है. अकसर इसमें जरूरी सजा नहीं मिल पाती... जब भी कभी उन्नाव, हैदराबाद या कठुआ जैसी घटना होती है तो खून की मांग की जाती है. लेकिन मेरा मानना है कि यह संसद का काम नहीं है.शशि थरूर, कांग्रेस नेता
एनकाउंटर पर जनप्रतिक्रिया के चलते भी पूरे प्रकरण से सहमति न रखने वाले कई राजनेता चुप्पी भी साधे हुए हैं. हालांकि मेनका गांधी और अधीर रंजन चौधरी जैसे नेताओं और कई न्यायविदों ने हैरानी जताई है.
न्यायप्रक्रिया का होना चाहिए पालन
सोसायटी में हमारी भूमिका कानून के शासन पर आधारित होती है. हर कोई पीड़िता के साथ न्याय की मांग कर रहा है, पूरे मामले को जघन्य बता रहा है, लेकिन ठीक इसी वक्त न्यायप्रक्रिया द्वारा न्याय होना चाहिए.शशि थरूर
अभी हमें पूरी जानकारी नहीं है. अगर पता चलता है कि पुलिस को वाकई हिंसा का खतरा था, तो उनकी कार्रवाई को जायज ठहराया जा सकता है.
थरूर ने आगे कहा,''लेकिन एक आम नियम के मुताबिक दोषी को तय प्रक्रिया से ही सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि हमारे कानूनी व्यवहार में जंगल का कानून नहीं चल सकता.''
तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह वेटनरी डॉक्टर के रेप और हत्या के चारों आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस का दावा है कि चारों आरोपी सिपाहियों से बंदूक छीनकर भाग रहे थे. इसलिए पुलिस वालों ने जवाब में गोलियां चलाईं. घटना का NHRC ने संज्ञान भी लिया है और नोटिस जारी किया है.
पढ़ें ये भी: हैदराबाद रेप केस के चारों आरोपियों का एनकाउंटर - तेलंगाना पुलिस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)