दिल्ली में लगातार 15 साल तक कांग्रेस की सरकार चलाने वाली दिग्गज नेता शीला दीक्षित का 20 जुलाई को निधन हो गया. साल 1998 से 2013 तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान शीला दीक्षित ने जो विकास कार्य किए, उनके लिए दिल्ली की जनता उन्हें हमेशा याद रखेगी. अपने 15 साल के कार्यकाल में उन्होंने दिल्ली की सूरत बदल दी. फ्लाईओवर से लेकर बड़े-बड़े अस्पताल खुलवाने तक उन्होंने कई बड़े काम किए.
यहां जानिए शीला दीक्षित का दिल्ली के विकास के लिए किए 10 बड़े काम, जिनके लिए जनता उन्हें हमेशा याद करेगी.
- दिल्ली में पहली बार मेट्रो साल 2002 में शीला दीक्षित की पहली सरकार में ही शुरू हुई. इसके बाद दिल्ली मेट्रो का विस्तार दिल्ली के चारों कोनों में हुआ. नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद तक मेट्रो पहुंची.
- 2003 में दिल्ली ने 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी हासिल की. 2010 में शीला सरकार के रहते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का सफल आयोजन हुआ.
- एम्स, बारापुला और DND जैसे कई इलाकों में उन्होंने फ्लाईओवर बनवाए, जिनकी वजह से दिल्ली को जाम की समस्या से निजात मिली. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शीला सरकार में 87 फ्लाईओवर और अंडरपास बने थे.
- दिल्ली की सड़कों पर बसों को प्रदूषण मुक्त करवाना शीला दीक्षित सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.
- दिल्ली परिवहन निगम की भी सूरत बदली और पुरानी बसों को हटाकर, नई लो-फ्लोर बसों को शामिल किया, जिनमें एसी बसें भी शामिल हैं.
- शीला दीक्षित की सरकार में ही दिल्ली में सीएनजी बसों की शुरुआत हुई.
- दिल्ली की सड़कों से अतिक्रमण हटाया गया. पतली और संकरी सड़कों को चौड़ा कराया.
- दिल्ली में बिजली की व्यवस्था बहुत अच्छी नहीं थी. शीला दीक्षित की सरकार में दिल्ली को 24 घंटे बिजली मिलना शुरू हुई.
- दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हरियाली बढ़ाने का काम किया. पार्क और पेड़ों की संख्या बढ़ाने की पहल की. शीला के कार्यकाल में ग्रीन कवर 25% बढ़ गया.
- दिल्ली में जाम से मुक्ति और ट्रैफिक सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए. इनमें से एक है बीआरटी कॉरिडोर.
शीला दीक्षित का दिल्ली के लिए किए गए कामों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की है. उन्होंने ट्वीट किया, "शीला दीक्षित जी के निधन से बेहद दुखी हूं. वह मिलनसार व्यक्तित्व की धनी थीं. दिल्ली के विकास के लिए उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए. उनके परिवार और समर्थकों को मेरी सांत्वना. ओम शांति.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)