ADVERTISEMENTREMOVE AD

शिवसेना ने कांग्रेस को कहा ‘कमजोर’, मिला जवाब-हमें ना सिखाएं

राहुल गांधी पर भी उठे सवाल

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर पार्टी के साथ-साथ गठबंधन के सहयोगी भी सवाल उठाते रहते हैं. ताजा मामला शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर 'कमजोर और अस्त-व्यस्त' बताने का है. सामना के लेख में कहा गया कि 'अप्रभावी विपक्ष' की वजह से ही केंद्र सरकार किसान आंदोलन के प्रति 'उदासीनता' दिखा रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संपादकीय में सुझाव दिया गया कि शिवसेना समेत सभी एंटी-बीजेपी पार्टियों को UPA के बैनर तले एक 'साहसी' गठबंधन बनाना चाहिए. लेख में कहा गया कि केंद्र सरकार को दोषी ठहरने की बजाय मुख्य विपक्षी पार्टी को 'अपने नेतृत्व के मुद्दे पर सोच-विचार करना चाहिए."

सामना के लेख में कहा गया, “विपक्ष के नेतृत्व में मास अपील होनी चाहिए. लेकिन इस मामले में पार्टी एकदम किनारे पर खड़ी है.” 

'UPA की स्थिति NGO जैसी'

सामना के संपादकीय में कहा गया कि 'कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA गठबंधन की स्थिति NGO जैसी है." लेख में कहा गया, "राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर मजबूत लड़ाई करते हुए दिखते हैं, लेकिन कुछ कमी है. UPA की पार्टियों ने किसान प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया. ये साफ नहीं है कि ये पार्टियां करती क्या हैं."

सामना के लेख में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को नेतृत्व सौंपे जाने की वकालत करने के संकेत मिले.

शरद पवार राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र शख्सियत हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेले लड़ाई लड़ रही हैं. देश की विपक्षी पार्टी को इस समय बनर्जी के साथ खड़ा होना चाहिए. ममता ने सिर्फ पवार से संपर्क किया और वो बंगाल जा रहे हैं. लेकिन ये सब कांग्रेस के नेतृत्व में होना चाहिए था. 
सामना के संपादकीय में कहा गया 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

'NDA में मजबूत नेतृत्व, UPA में कुछ नहीं'

सामना में कहा गया कि अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब नहीं रहे और ये साफ नहीं है कि कांग्रेस की अध्यक्षता कौन करेगा और UPA का भविष्य क्या होगा.

जैसे NDA में बीजेपी के अलावा और कोई पार्टी नहीं है, वैसे ही UPA में कांग्रेस के अलावा कोई नहीं है. लेकिन बीजेपी सत्ता में है और उनके पास नरेंद्र मोदी और अमित शाह का मजबूत नेतृत्व है. UPA में कुछ नहीं है.  
सामना के संपादकीय में कहा गया 

लेख में कहा गया कि 'कांग्रेस ने अगर इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य सबके लिए मुश्किल लगता है.'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस ने जताई लेख पर आपत्ति

कांग्रेस ने 'सामना' के लेख में कही गई बातों पर आपत्ति जताई है. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चह्वाण ने कहा, "शिवसेना एक क्षेत्रीय पार्टी है और कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर सेना के साथ कोई गठबंधन नहीं है."

हमारा गठबंधन महाराष्ट्र तक सीमित है और इसलिए वो टिप्पणी न करें और हमें न सिखाए कि कांग्रेस को क्या करना चाहिए और क्या नहीं. हम अपने फैसले लेने में सक्षम हैं.  
अशोक चह्वाण

एक और कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ 'नकारात्मक टिप्पणी' बर्दाश्त नहीं की जाएगी. खान ने कहा, "सोनिया UPA की अध्यक्ष हैं और भविष्य में भी रहेंगी. महाराष्ट्र में सरकार कॉमन मिनिमम एजेंडा के तहत बनी थी और उद्धव ठाकरे सरकार को इसका सम्मान करना होगा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×