काले धन की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने कहा है कि अपने पास एक करोड़ रुपये तक कैश काला धन नहीं माना जाएगा. पहले उसने सिफारिश की थी कैश के तौर पर 20 लाख रुपये अपने पास रखे जा सकते हैं.
काले धन संबंधी एस आई टी के प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) एम बी शाह ने बुधवार को कहा कि एसआईटी ने ये सिफारिश भी की है कि जब्ती के दौरान संबंधित सीमा से ज्यादा पाई जाने वाली राशि को सरकारी ट्रेजरी में जमा कराया जाना चाहिए. नई सिफारिशें तब आईं जब पहले की सिफारिशों में कैश के तौर पर 15 लाख और 20 लाख रुपये तक रखने देने की सीमा को काफी कम पाया गया.
मौजूदा नियमों के मुताबिक, काला धन रखने का दोषी व्यक्ति 40 फीसदी इनकम टैक्स और जुर्माना जमा कर जब्त राशि वापस पा सकता है. सिफारिशें तब आईं जब हाल में देश भर में इसके टैक्स अफसरों की छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई. आयकर अधिकारियों ने पिछले 16 जुलाई को राजमार्ग निर्माण से जुड़ी एक कंपनी और इसकी सह कंपनियों के 20 परिसरों पर छापेमारी कर 160 करोड़ रुपये के कैश और 100 किलोग्राम सोना जब्त किया था.
‘पहले की सीमा अब कारगर नहीं’
जस्टिस शाह ने कहा, ‘‘जब्त की जा रही राशि को देखिए, 160 करोड़ रुपये...177 करोड़ रुपये...'' उन्होंने कहा, ‘‘जब्त की जा रही राशि इतनी ज्यादा है कि अब हमारा मानना है कि 20 लाख रुपये रकम तय कर देने की सीमा काम नहीं करेगी.
जस्टिस शाह ने पूर्व में नकद राशि के रूप में 15 लाख रुपये तक रखने देने की सिफारिश की थी. हालांकि बाद में उन्होंने इस सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये तक कर दिया. केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देशों पर साल 2014 में एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी लगातार काले धन के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों का सुझाव देती है.
इनपुट : भाषा
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