लोकनीति-CSDS 2014 के बाद से अपने हर चुनावी सर्वे में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platforms) के इस्तेमाल पर सवाल पूछ रहे हैं. इसकी वजह 2014 के लोकसभा चुनावों में सोशल मीडिया की चुनावी रणनीति में अहम भूमिका होना था. इन सर्वे को देखा जाए तो अहम बातें पता चलती हैं, जैसे कि यूजर किस केटेगरी के हैं, इन प्लेटफॉर्म्स की पहुंच कितनी है.
कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अब केंद्र सरकार के साथ नए आईटी नियमों (new it rules) को लेकर आमने-सामने हैं. WhatsApp सरकार को कोर्ट तक ले गया है.
2014 के बाद से सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के रिश्ते बदलते रहे हैं. ऐसे में इनकी पॉपुलैरिटी में क्या बदलाव आया है, कौन सा प्लेटफॉर्म लोगों के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है, ये सब यहां जानते हैं.
प्लेटफॉर्म की पॉपुलैरिटी
इंडियन एक्सप्रेस ने लोकनीति-CSDS के 2019 नेशनल इलेक्शन स्टडी (NES) के आधार पर बताया है कि WhatsApp सबसे ज्यादा (34%) पॉपुलर है.
लोकनीति ने इस स्टडी में 18+ उम्र के लोगों से ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, WhatsApp और YouTube के इस्तेमाल पर सवाल पूछे थे. इन पांचों में से WhatsApp की पॉपुलैरिटी सबसे ज्यादा देखी गई.
दूसरा नंबर फेसबुक का था, जो कि 2006 से भारत में ऑपरेट कर रहा है. इसकी पॉपुलैरिटी 32% थी. इसके बाद YouTube 31% के साथ तीसरे नंबर पर था. YouTube 2005 से भारत में है.
स्टडी के मुताबिक, 2010 में आया इंस्टाग्राम 15% व्यस्क इस्तेमाल करते हैं, जबकि फेसबुक के लगभग साथ ही आया ट्विटर सबसे कम (12%) पॉपुलर है.
ट्विटर रोजाना इस्तेमाल के मामले में भी बाकी प्लेटफॉर्म्स से काफी पीछे है. 85% यूजर WhatsApp, 81% यूजर YouTube, 72% यूजर फेसबुक और 60% यूजर इंस्टाग्राम रोजाना इस्तेमाल करते हैं. वहीं, ट्विटर के लिए ये आंकड़ा 42% था.
2014 से बाद का ट्रेंड
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 से 2018 के बीच ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स की पॉपुलैरिटी में बढ़ोतरी हुई थी. उसके बाद से इसमें गिरावट देखने को मिली.
2014 से 2017 के बीच फेसबुक की पॉपुलैरिटी 9% से बढ़कर 20% हो गई थी. इसी अवधि में ट्विटर की पॉपुलैरिटी 2% से बढ़कर 5% हुई थी. 2018 में ये आंकड़ा फेसबुक के लिए 32% और ट्विटर के लिए 14% हो गया था.
रिपोर्ट में कहा गया कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर बेस लगभग एक जैसा है. पुरुषों के बीच इनका इस्तेमाल महिलाओं से ज्यादा है. कॉलेज से पढ़े हुए, यंग, कथित ऊंची जाति और पैसे वाले बैकग्राउंड से आने वाले लोगों के बीच ये ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं.
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