सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों से पीएम मोदी ने कहा, जन सुरक्षा योजनायें आम लोगों को खास तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बना रही है. पीएम ने कहा कि ऐसा होने से संकट के समय वो मजबूती से खड़े रह सके.
“कोई नहीं जानता कि कल क्या होने वाला है. संकट अमीर और गरीब का भेद नहीं करता है और कभी भी आ सकता है. ऐसे में सभी को भविष्य की चिंता करनी चाहिए और बीमा के प्रति जागरूक होना चाहिए. हमारी सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है.’’नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
यूपीए सरकार पर मोदी का कटाक्ष
पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले आम लोगों को सही से सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती थी. लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू किया. इससे दलित, शोषित, पीड़ित, आदिवासी, महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों को संकट से जूझने और जीतने की हिम्मत मिली है.
“जब हम सरकार में आए तब लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा सहायता तो दूर की बात थी, गरीबों का अपना बैंक खाता भी नहीं था. देश के आम आदमी के पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं थी. सरकार में आने के बाद तीन स्तर पर गरीबों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करने की पहल की.”पीएम मोदी
आम लोगों के लिए सरकार की योजनाएं
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा योजना, वयवंदन योजना जैसी सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भी जन धन योजना की सराहना की है.
2014 में भारत में बैंक खाते रखने की संख्या करीब 50-52% थी. जो तीन साल बाद 80% से अधिक बढ़ चुकी है और विशेष रूप से महिलाओं के बैंक खातों में बढ़ोतरी हुई है. पीएम ने कहा, जन सुरक्षा के तहत शुरू की गई योजनाएं अलग-अलग परिस्थितियों के लिए है और काफी कम प्रीमियम पर शुरू की गई है ताकि देश में हर इलाके, हर तबके, हर आयु वर्ग से जुड़े लोग इनका लाभ उठा सकें.
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