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प्रवासियों के लिए ‘अवतार’ बने सोनू सूद की अब नेता भी कर रहे तारीफ 

प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों के बीच एक्टर सोनू सूद जिस तरह उभर कर आए हैं, उनकी जमकर तारीफ हो रही है.

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प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों के बीच एक्टर सोनू सूद जिस तरह उभर कर आए हैं, उनकी जमकर तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया पर भी सूद की जमकर तारीफ हो रही है. फिलहाल, सूद महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. अबतक, वो सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों, गरीबों की मदद कर चुके हैं. साथ ही सोनू ने अपना जुहू वाला होटल कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स और गरीब मजदूरों के लिए खोल दिया है.

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अब कई दिग्गज नेता भी उनकी जमकर तारीफें करने लगे हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्विटर पर लिखा है-

पिछले 2 दशकों से एक एक्टर के तौर पर आपको जानना मेरा सौभाग्य है. लेकिन इस चुनौती के दौर में आपने जो कर दिखाया है उसपर मुझे गर्व है. जरूरतमंदों की मदद करने के लिए शुक्रिया.

एक्टर से सांसद बने रवि किशन स्मृति ईरानी के ट्वीट पर ही रिप्लाई में लिखते हैं-यही सब याद रहता हैं दुनिया मैं.

आप एक मिसाल हैं: जयंत पाटिल

एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने ट्विटर पर लिखा है-

सोनू सूद उन प्रवासियों के लिए बसों का इंतजाम कर रहे हैं जो अपने घरों में वापस जाना चाहते हैं. जितना मुमकिन है उतने लोगों की सोनू मदद कर रहे है . ऑन स्क्रीन विलेन वास्तव में तो एक बेमिसाल हीरो हैं. 

सूद महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. अबतक, वो सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों, गरीबों की मदद कर चुके हैं.

45 हजार मजदूरों को खिला चुके हैं खाना

सोनू सूद ने अपने होटल में मजदूरों के खाने का इंतजाम भी किया है. अब तक वो करीब 45000 प्रवासी मजदूरों को खाना खिला चुके हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, सोनू ने इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए कई बसों का भी इंतजाम किया. वो लगातार मुंबई प्रशासन की मदद लेकर इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं

क्विंट से खास बातचीत करते हुए सोनू सूद कहते हैं“सबसे पहला कदम तो ये है कि हम उन प्रवासी मजदूरों को ये विश्वास दिलाते हैं कि हम उनकी मदद करना चाहते हैं और वो सड़कों पर पैदल चलकर ही अपने घरों की तरफ न बढ़ें. फिर जब तक उन्हें घर भेजने की जरूरी परमिशन नहीं मिल जाती तब तक हम उन्हें रहने के लिए जगह और खाना देते हैं.”

सोनू व्यक्तिगत तौर पर उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की सरकारों और प्रशासन से लगातार बात कर रहे हैं कि किस तरह इन मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाए.

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