समाजवादी पार्टी (एसपी) नेता रामगोपाल यादव ने पुलवामा आतंकी हमले को साजिश बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जवानों को वोट के लिए मार दिया गया. उनके इस बयान को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटिया राजनीति का उदाहरण बताया है. योगी ने कहा है कि रामगोपाल को अपने बयान के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.
क्या था रामगोपाल यादव का बयान?
रामगोपाल यादव ने पुलवामा हमले को लेकर कहा, ''पैरामिलिट्री फोर्सेज दुखी हैं सरकार से, जवान मार दिए गए वोट के लिए, चेकिंग नहीं थी जम्मू-श्रीनगर के बीच में, जवानों को सिंपल बसों में भेज दिया गया, ये साजिश थी. अभी नहीं कहना चाहता, जब सरकार बदलेगी, इसकी जांच होगी, तब बड़े-बड़े लोग फंसेंगे.''
रामगोपाल के बयान पर ये बोले योगी आदित्यनाथ
रामगोपाल यादव के पुलवामा हमले पर दिए गए बयान के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनको निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा, ''रामगोपाल यादव का बयान घटिया राजनीति का भद्दा उदाहरण है. उन्हें CRPF के जवानों की शहादत पर प्रश्न खड़ा करने और देश के जवानों का मनोबल तोड़ने वाले इस बयान के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.''
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस ने कही थी ये बात
पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस ने भी मोदी सरकार को घेरा था. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था, ''पुलवामा आतंकी हमले के प्रति मोदी सरकार ना तो कोई राजनीतिक जवाब दे रही है और ना ही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है. पुलवामा हमले से देश सदमें में था, पर मोदीजी, कॉरबेट पार्क में डिस्कवरी चैनल के लिए अपनी फिल्में बनवा रहे थे, चाय नाश्ता कर रहे थे.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा था कि पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस ने बेहद जिम्मेदारी वाला रवैया अपनाया, जबकि 2014 के पहले नरेंद्र मोदी ने छोटी घटना पर भी बेहद भड़काऊ बयान देकर उस वक्त के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगा था.
ममता बनर्जी ने इस तरह उठाए थे सरकार पर सवाल
टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलवामा हमले के बाद कहा था, ''78 वाहनों के काफिले को एक साथ जाने की इजाजत क्यों दी गई, जिसमें 2000 से ज्यादा जवान थे, जबकि सरकार को इस संभावित हमले की सूचना मिली थी? एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए?''
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