SSC की ऑनलाइन परीक्षा में सेंध लगाने वाले गैंग का पर्दाफाश हो गया है. उम्मीदवारों को नकल करने में मदद कर रहे 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
एसटीएफ और दिल्ली पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ तिमारपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
कैसे करता था गैंग काम
ये गिरोह एसएससी ऑनलाइन परीक्षा में कैंडिडेट को पास कराने के लिए 100-150 सॉल्वरों का इस्तेमाल कर रहा था. स्टूडेंट्स से 15 लाख रुपए में SSC की सभी परीक्षाएं पास कराने की डील तय की जाती थी.
नकल में मदद करने के लिए स्क्रीन-शेयरिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता था, ताकि कैंडिडेट के कम्प्यूटर तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके. आरोपी 2011 से इस गिरोह को चला रहे थे.
धांधली के खिलाफ आंदोलन
धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों ने आंदोलन भी किया. स्टाफ सेलेक्शन कमीशन यानी SSC का टियर 2 एग्जाम फरवरी में हुआ था. परीक्षा में बैठने वाले छात्रों ने आरोप लगाया था कि ऑनलाइन एग्जाम शुरू भी नहीं हुआ था कि 15 मिनट पहले क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट ऑनलाइन तैरने लगे.
तकनीकी खामी कहकर परीक्षा हड़बड़ी में रुकवाई गई और इसी दिन करीब सवा 12 बजे इसे रिशेड्यूल किया गया. जब छात्र परीक्षा देकर वापस आए तो पता चला ये पेपर भी लीक हो चुका था. ऐसा एग्जाम देने वाले छात्र कह रहे थे. उनका कहना था कि पैसे लेकर कुछ छात्रों को फायदा पहुंचाया गया. उनके पेपर्स को रिमोट लोकेशन यानी किसी दूसरी जगह बैठकर सॉल्व किया गया.
17 से लेकर 22 फरवरी तक आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्रों के लीक होने के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी.
बता दें, एसएससी को पिछले 5 सालों में 9 परीक्षाओं को पूरी तरह या आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा है.
रैकेट का पूरी तरह से खुलासा करने में जुटी पुलिस
आरोपियों को मंगलवार को उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर इलाके के एक फ्लैट से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों की मदद कर रहे थे.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम सोनू सिंह, परम, गौरव और अजय जायसवाल हैं. ये उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हरियाणा के बहादुरगढ़ और दिल्ली के रहने वाले हैं. हालांकि गिरोह के 2 सदस्य हरपाल और अन्नी अभी पुलिस की पहुंच से दूर हैं.
गिरोह का सरगना हरपाल जरूरी टेक्निकल चीजें और लॉजिस्टिक्स मुहैया कराता था, जबकि सोनू उम्मीदवारों से कांटैक्ट बनाने में मदद करता था.
पुलिस ने 10 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 5 ब्लूटूथ डिवाइस, 1 हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, राउटर, 3 लग्जरी कारें और 5 लाख रुपये जब्त किए हैं.
एसएससी परीक्षा का टेंडर पाने वाली कम्पनी सीफी (एसआईएफआई) का कर्मचारी दीपक भी गिरोह में शामिल है. एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने दीपक के अलावा कई सदस्यों के नाम बताए हैं. अब दिल्ली पुलिस इस रैकेट का पूरी तरह से खुलासा करने में जुटी है. पुलिस आरोपियों की सेवा ले रहे उम्मीदवारों के नंबर तलाशने के लिए आरोपियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप खंगाल रही है.
(इनपुट IANS से)
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