सुबोध कुमार जायसवाल CBI के नए डायरेक्टर होंगे. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल ने महाराष्ट्र के पूर्व DGP सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई की कमान सौंपी है. इस पोस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए अधिकारियों में वो सबसे सीनियर बताए जा रहे हैं.
1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल फिलहाल सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के डायरेक्टर जनरल हैं.
महाराष्ट्र पुलिस, ATS, रॉ को दे चुके हैं सेवाएं
महाराष्ट्र में पोस्टिंग के दौरान जायसवाल तेलगी स्कैम की जांच से जुड़े रहे. बाद में ये केस सीबीआई के पास चला गया था. जायसवाल स्टेट रिजर्व पुलिस का नेतृत्व कर चुके हैं, इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र ATS ज्वाइन किया. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग को भी वो अपनी सेवाएं दे चुके हैं. देवेंद्र फडणवीस सरकार में वो दोबारा राज्य में आए, उन्हें साल 2018 में मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया. बाद में वो महाराष्ट्र के डीजीपी बने.
राज्य से केंद्र की सेवा में आने की टाइमिंग को लेकर सुर्खियों में थे
राज्य के डीजीपी का पद छोड़कर केंद्र की सेवा में आने का उनका फैसला ऐसा समय में लिया गया था, जब ऐसा कहा जा रहा था कि वो राज्य की नई महाविकास अघाड़ी सरकार में आईपीएस अफसरों के तबादले से नाराज थे. उन्होंने अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री और सरकार के दूसरे बड़े नेताओं के सामने भी जाहिर की थी. लेकिन उसका कोई खास असर नहीं दिखा.
तब रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर थी. उन्होंने महाराष्ट्र में कथित आईपीएस ट्रांसफर और पोस्टिंग मामले में कई लोगों की फोन टैपिंग की थी. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को सौंपी. डीजीपी ने उस रिपोर्ट को होम सेक्रेटरी सीताराम कुण्ठे को सौंपी थी. लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. रश्मि शुक्ला का भी तबादला कर दिया गया था.
अब सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद कथित ट्रांसफर घोटाला मामले एक बार फिर सुर्खियों में है. तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ CBI जांच कर रही है. ऐसे में CBI के प्रमुख पद पर सुबोध कुमार जायसवाल को नियुक्त करना बेहद अहम फैसला माना जा रहा है.
फरवरी से खाली पड़ा था सीबीआई चीफ का पद
फरवरी में पूर्व चीफ ऋषि कुमार शुक्ला का कार्यकाल खत्म होने के बाद से ये पद खाली पड़ा है. सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर, प्रवीण सिन्हा एजेंसी के अंतरिम चीफ का कार्यभार संभाल रहे हैं.
नए सीबीआई चीफ सुबोध कुमार जायसवाल नियुक्ति से अगले दो सालों तक के लिए ये पद संभालेंगे. कानून के मुताबिक, सरकारी पैनल सीबीआई डायरेक्टर का चयन ‘वरिष्ठता, अखंडता और एंटी करप्शन मामलों की जांच में अनुभव के आधार पर करता है.’
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