दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 23 मार्च तक टल गई है.
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकारों ने 24 फरवरी को कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी थी.
इससे पहले शाहीन बाग मामले में पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था.
इस हलफनामे में कहा गया था
- प्रदर्शन शांतिपूर्ण है
- पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास 5 प्वाइंट्स ब्लॉक किए हैं
- अगर ये प्वाइंट्स खोल दिए जाएं तो ट्रैफिक सामान्य हो जाएगा
- पुलिस ने गैरजरूरी तरीके से सड़कों को बंद कर दिया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है
- स्कूल वैन और एम्बुलेंस को पुलिस की चेकिंग के बाद सड़कों से गुजरने दिया जा रहा है
CAA के विरोध में 15 दिसंबर को जामिया नगर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद शाहीन बाग इलाके में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन में रोज सैकड़ों महिलाएं भागीदारी कर रही हैं.
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किए थे. उसने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को यह जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा था कि वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला की मदद मांग सकते हैं.
इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान ब्लॉक न हो.
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