सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में हुई हिंसा के बाद सही वक्त पर एक्शन ना लेने के लिए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपू्र्ण बताया है. यही नहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़कने से पहले भड़काऊ बयान देनेवालों को खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर भी पुलिस को फटकार लगाई है. बता दें कि हिंसा से पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भड़काऊ बयान दिया था.
बीजेपी की सहयोगी पार्टी एलजेपी के नेता चिराग पासवान ने गहरी निराशा जताई है. चिराग ने साफ-साफ कहा है दिल्ली हिंसा पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. साथ ही चिराग ने कहा कि बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयान पर भी रोक लगनी चाहिए.
दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘’अगर कोई भड़काऊ बयान देता है तो पुलिस को आदेशों के लिए इंतजार नहीं करना होता, बल्कि कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी होती है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई, जिसमें अबतक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी. भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे.
दिल्ली में ऐसा दशकों से नहीं देखा गया, उन्मादी समूहों ने सड़कों पर लोगों की पिटाई की और गाड़ियों में तोड़फोड़ की.
स्कूल बंद हैं और लोग घरों के भीतर, क्योंकि उन्मादी भीड़ सड़कों पर घूम रही थी. ऐसे लोगों को सोमवार को लगाई गई धारा 144 के तहत चार से अधिक लोगों को एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक की परवाह नहीं लग रही थी. यमुना विहार और जाफराबाद के कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने दंगाइयों के हाथों में तलवारें देखींं.
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