उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई, जिसमें अबतक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी. भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे.
तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई. इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी.
दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों तोड़ दिया. भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और दूसरे स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी.
पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं. कई ने हेलमेट पहन रखे थे. सड़कों पर जली हुई गाड़ियां, ईंट और जले हुए टायर पड़े थे जो हिंसा की गवाही दे रहे थे.
दिल्ली में ऐसा दशकों से नहीं देखा गया, उन्मादी समूहों ने सड़कों पर लोगों की पिटाई की और गाड़ियों में तोड़फोड़ की.
स्कूल बंद हैं और लोग घरों के भीतर रहे, क्योंकि उन्मादी भीड़ सड़कों पर घूम रही थी. ऐसे लोगों को सोमवार को लगाई गई धारा 144 के तहत चार से अधिक लोगों को एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक की परवाह नहीं लग रही थी. यमुना विहार और जाफराबाद के कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने दंगाइयों के हाथों में तलवारें देखींं.
मौजपुर के एक युवक ने बताया-
इलाके में शायद ही कोई पुलिस की मौजूदगी है. दंगाई इधर उधर घूम रहे हैं और लोगों को धमका रहे हैं, दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. परिवारों को वहां से निकालने की जरूरत है. हम अपने घरों में असुरक्षित हैं
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल आज कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यॉरिटी (CCS) की बैठक में हिस्सा लेंगे. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा में घायल शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा के परिजनों से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा.
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