सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह चुडास्मा के 2017 में गुजरात विधानसभा में निर्वाचन को खारिज किए जाने के गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.
गुजरात हाई कोर्ट ने 12 मई को राज्य के मंत्री और बीजेपी नेता चुडास्मा के निर्वाचन को कदाचार और हेरफेर के आधार पर खारिज कर दिया था. जस्टिस परेश उपाध्याय ने कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए चुडास्मा के चुनाव को खारिज किया था.
कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने धोलका विधानसभा सीट पर बीजेपी नेता की जीत को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में चुडास्मा ने 327 वोट के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी.
चुनाव याचिका में राठौड़ ने आरोप लगाया था कि चुडास्मा ने ‘‘चुनाव की प्रक्रिया के कई चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय भ्रष्ट आचरण अपनाया और नियमों का उल्लंघन किया.’’
राठौड़ ने दावा किया था कि तत्कालीन राजस्व मंत्री चुडास्मा के इशारे पर स्थानीय रिटर्निंग ऑफिसर, धवल जानी, ने 429 पोस्टल बैलेट पेपर को गैरकानूनी तरीके से खारिज/अवैध ठहरा दिया था.
चूंकि ये आंकड़ा चुडास्मा की जीत के अंतर से ज्यादा था, राठौड़ की दलील थी कि 429 वोटों के खारिज होने से उनके चुनाव नतीजे पर अच्छा खासा असर पड़ा.
बता दें कि गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में चुडास्मा अभी शिक्षा, कानून और न्याय, विधायिका और संसदीय मामलों आदि विभागों के प्रभारी हैं.
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