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Swiss Banks से भारत का प्यार 50% बढ़ा-जमा ₹30 हजार करोड़ पार,14 साल में सबसे अधिक

2020 में स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का 2.55 बिलियन स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) फंड जमा था.

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स्विस बैंकों से भारतीयों (Indian Funds in Swiss banks) का 'प्यार' डबल हो गया है. स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और फर्मों द्वारा जमा किया गया फंड 2021 में 50% बढ़कर 14 साल के उच्चतम 3.83 बिलियन स्विस फ्रैंक (30,500 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया है. स्विस बैंकों में भारतीयों के प्रतिभूतियों और इसी तरह के उपकरणों के माध्यम से होल्डिंग्स में तेज उछाल आया, जबकि ग्राहक जमा भी बढ़े हैं. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा गुरुवार, 16 मई को जारी वार्षिक आंकड़ों में ये तथ्य सामने आए.

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इसका मतलब है कि स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों के कुल फंड में लगातार दूसरे वर्ष वृद्धि हुई है. 2020 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का 2.55 बिलियन स्विस फ़्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) फंड जमा था.

स्विस नेशनल बैंक के डेटा के अनुसार 2006 में कुल राशि लगभग 6.5 बिलियन स्विस फ्रैंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी. इसके बाद साल 2011, 2013, 2017, 2020 और अब 2021 को छोड़कर दूसरे सालों में इसमें गिरावट देखने को मिली.

ध्यान रहे कि यह केवल आधिकारिक आंकड़े हैं और स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए कथित काले धन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं. साथ ही इन आंकड़ों में वह पैसा भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, NRI या अन्य लोगों के पास स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर जमा हो सकता है.

स्विस अधिकारियों ने हमेशा यह स्टैंड लिया है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों की संपत्ति को 'काला धन' नहीं माना जा सकता है और वे टैक्स धोखाधड़ी और चोरी के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय रूप से भारत का समर्थन करते हैं.

स्विट्जरलैंड और भारत के बीच टैक्स से जुड़े सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान का प्रावधान साल 2018 से लागू है. इस फ्रेमवर्क के तहत साल 2018 के बाद से स्विस की वित्तीय संस्थानों में अकाउंट रखने वाले सभी भारतीय निवासियों की विस्तृत वित्तीय जानकारी सबसे पहली बार सितंबर 2019 में भारतीय टैक्स अधिकारियों को दी गई थी और उसके बाद यह हर साल किया जाता है.

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