दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ताहिर को कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान गिरफ्तार किया. कोर्ट ने ताहिर की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई कर उसे खारिज कर दिया है. ताहिर ने कहना है कि उन पर लगाए गए सभी इल्जाम गलत हैं.
ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार पिछले कई दिनों से छापेमारी कर रही थी. ताहिर पर हिंसा और आईबी कर्मचारी की हत्या का आरोप लगाया गया है.
ताहिर के वकील ने पहले ही ये शक जताया था कि उन्हें रास्ते में ही पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. उन्होंने कहा था कि अगर पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है तो वो कोर्ट में पेश होकर सरेंडर करेंगे.
जमानत पर होगी सुनवाई
ताहिर हुसैन ने गिरफ्तारी और सरेंडर से पहले ही कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी थी. जिस पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई. जिला और सत्र जज सुधीर कुमार जैन ने मामले पर सुनवाई टालने के साथ ही कहा था कि याचिका के संबंध में नोटिस की कॉपी एसआईटी को नहीं दी गई है, जिसका गठन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हिंसा से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए किया गया है. जिसके बाद गुरुवार तक के लिए सुनवाई टाल दी गई.
क्या हैं आरोप?
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में नागरिकता कानून के समर्थक और इसके विरोधी गुट आपस में भिड़ गए. जिसके बाद कई इलाकों में हिंसा की खबरें सामने आने लगीं. हिंसा के ठीक बाद उत्तर पूर्वी जिले के चांद बाग इलाके से इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की लाश मिली थी. अंकित शर्मा उत्तर पूर्वी दिल्ली में खजूरी खास इलाके निवासी थे और मंगलवार सुबह से ही लापता थे. उनके पिता रविंद्र शर्मा जो दिल्ली पुलिस में काम करते हैं, उनका आरोप है कि उनके बेटे अंकित की हत्या के पीछे AAP पार्षद ताहिर हुसैन है.
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