कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश ही नहीं दुनियाभर की आर्थिक हालत खराब हो गई है. बड़ी तादाद में बिजनेस ठप हो रहे हैं, लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा है और महामारी का अंत भी दूर-दूर तक नहीं दिखता है. ऐसे में नौकरीपेशा लोगों को अपनी सैलरी ग्रोथ की चिंता है. अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए सैलरी ग्रोथ मामूली रूप से पॉजिटिव से लेकर नेगेटिव रह सकती है.
टीमलीज जॉब्स एंड सैलेरीज प्राइमर रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी ने न सिर्फ एम्प्लॉयमेंट पर प्रभाव डाला है, बल्कि इसने प्रोफेशनल टैलेंट को रिवॉर्ड देने का तरीका भी गड़बड़ कर दिया है. हालांकि, रिपोर्ट का कहना है कि कुछ 'सुपर-स्पेशलाइज्ड' प्रोफाइल्स के लिए सैलरी इंक्रीमेंट 15 प्रतिशत से ऊपर तक जा सकता है.
क्या है ये रिपोर्ट?
टीमलीज सर्विसेज हर साल जॉब्स एंड सैलेरीज प्राइमर रिपोर्ट जारी करती है. कंपनी इसके लिए कई इंडस्ट्रीज में हायरिंग और सैलरी ट्रेंड का आकलन करती है. इस साल की रिपोर्ट में नौ शहरों और 17 सेक्टर्स के 2,52,000 कैंडिडेट्स के सैलरी पेआउट का आकलन किया गया.
रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट का कहना है कि कई सेक्टर्स में एम्प्लॉयर कुछ 'सुपर-स्पेशलाइज्ड' प्रोफाइल्स को चुनकर उन्हें 15 प्रतिशत से ऊपर तक की सैलरी ग्रोथ दे रहे हैं. हालांकि, सामान्य रूप से सैलरीज न्यूनतम 4.26 प्रतिशत और अधिकतम 11.22 प्रतिशत की दर से बढ़ी हैं.
टीमलीज सर्विसेज की को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव वाइस-प्रेजिडेंट रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, "जबकि बिजनेस सैलरी ग्रोथ के मामले में कंजर्वेटिव रहेंगे, वो कुछ स्पेशलाइज्ड स्किल्स को रिवॉर्ड देने से पीछे नहीं हट रहे हैं."
महामारी ने काम की दुनिया में स्किल्ड प्रोफाइल्स के महत्त्व को बढ़ा दिया है. ज्यादा से ज्यादा संगठन कम संपत्ति और कर्ज मुक्त मॉडल को चुन रहे हैं और इसमें स्किल के आधार पर टैलेंट को रिवॉर्ड किया जाएगा.रितुपर्णा चक्रवर्ती
किन प्रोफाइल्स को मिलेगी अच्छी सैलरी ग्रोथ?
रिपोर्ट के मुताबिक, BFSI में Hadoop डेवलपर, एजुकेशनल सर्विसेज में काम कर रहे एनिमेटर्स, इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग में कलेक्शन ऑफिसर और आईटी सेक्टर में डिजिटल मार्केटिंग हेड जैसी प्रोफाइल्स में इस साल अच्छी सैलरी ग्रोथ देखने को मिल सकती है.
रिपोर्ट में वर्क-फ्रॉम-होम को लेकर कहा गया कि इस सेटअप की प्रोफाइल्स वाले सेक्टर में बिजनेस बने रहने की उम्मीद है. इनमें बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्योरेंस, ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर शामिल हैं.
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