पिछले कुछ साल से महंगाई की दर लगातार काबू में रही है. कभी आलू-प्याज महंगे हुए तो कभी दाल, कभी फल तो कभी खाने का तेल. लेकिन महंगाई बढ़ने की दर काबू में रही. क्या अब ये बदलने वाला है? संकेत तो कुछ इसी तरह के मिल रहे हैं.
रुपये की कीमत में तेजी से गिरावट, पेट्रोल-डीजल की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी और खरीफ के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बड़ा बदलाव. तीन वजहें हैं जिससे महंगाई बढ़ने की आशंका है.
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इन तीन कारणों का कैसे महंगाई दर पर असर होता है, आइए जानते हैं
कमजोर रुपये का प्रभाव
- डॉलर के मुकाबले रुपए में 8% की गिरावट
- 1% गिरावट का मतलब, महंगाई में 0.15% की तेजी
- 8% गिरावट से महंगाई दर 1.2% बढ़ सकती है
पेट्रोल-डीजल बन सकता है विलेन
- पेट्रोल-डीजल की कीमत में 10% बढ़ोतरी का मतलब है खाने-पीने की महंगाई में 1% का इजाफा
- पिछले एक साल में पेट्रोल-डीजल की कीमत में करीब 16% का इजाफा
- इसकी वजह से खाने-पीने के सामानों कीमतों में 1.6 की बढ़ोतरी की आशंका
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MSP बढ़ा तो क्या होगा?
- बजट के वादों को लागू करने के लिए खरीफ सीजन के अनाजों के समर्थन मूल्य में 13% इजाफा संभव
- एमएसपी में 1% इजाफे का मतलब है कंज्यूमर इंफ्लेशन की दर में 0.15% की बढ़ोतरी
- 13% MSP बढ़ा तो महंगाई की दर 2% तक बढ़ सकती है
महंगाई दर के बढ़ने का मतलब
- ब्याज दर बढ़ना तय
- लोन पर ईएमआई में बढ़ोतरी
- घर का बजट गड़बड़ हो सकता है
- अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है
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