कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर लगातार चिंता जताई जा रही है. लेकिन अब ICMR द्वारा किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती भी है, तो इसके दूसरी लहर की तरह भयावह होने की संभावना नहीं है.
इस अध्ययन को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है.
अध्ययन में कहा गया कि वैक्सीन से संक्रमण की गंभीरता से 60 फीसदी तक सुरक्षा और अगले कुछ दिनों में भारत में एक बड़ी आबादी के टीकाकरण को ध्यान में रखें, तो अगली लहर के उतना प्रबल होने की संभावना नहीं है.
लेखक अध्ययन में लिखते हैं, "किसी भी तीसरी संभावित लहर की प्रबलता दूसरी लहर के जितनी नहीं होगी. तेजी से किए जा रहे टीकाकरण के प्रयास इस लहर और भविष्य में आने वाली लहरों के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं."
"प्लाजबिलिटी ऑफ अ थर्ड वेव ऑफ कोविड-19 इन इंडिया: अ मेथेमेटिकल मॉडलिंग बेस्ड एनालिसिस" नाम से किए गए इस अध्ययन में ICMR के डॉयरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव, संदीप मंडल, समीरन पांडा और लंदन के इमपीरियल कॉलेज में काम करने वाले निमलन एरिनामिंपथी शामिल थे.
बता दें भारत में अप्रैल और मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर पहुंच गई थी. हालांकि अब दूसरी लहर काफी ढलान पर आ चुकी है और रोजाना आने वाले नए मामलों की संख्या 50,000 के आसपास पहुंच चुकी है. लेकिन अब भी रोजाना कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1000 के ऊपर बना हुआ है.
पढ़ें ये भी: डेल्टा प्लस वेरिएंट का इम्युनिटी और एंटीबॉडी पर पड़ेगा असर- IGIB
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)