उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के एक बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के कुछ ही दिन बाद सीएम रावत ने महिलाओं की 'फटी जींस' को लेकर एक विवादित बयान दे दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि "फटी जींस पहनने वाली महिलाएं अपने बच्चों और समाज के सामने क्या उदाहरण पेश करेंगी." सीएम के इस बयान की TMC सांसद महुआ मोइत्रा, अमिताभ बच्चन की नातिन, नव्या नवेली नंदा समेत कई महिलाओं आलोचना की है.
महुआ मोइत्रा ने साधा निशाना
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस बयान पर सीएम तीरथ सिंह रावत पर निशाना साधा है. एक के बाद एक ट्वीट में मुख्यमंत्री को घेरते हुए मोइत्रा ने कहा, “सीएम साहब, स्टेट चलाते हो और दिमाग फटे दिखते हैं?”
नव्या नवेली नंदा ने कहा- “पहले सोच बदलें”
अमिताभ बच्चन की नातिन और एनजीओ से जुड़ीं नव्या नवेली नंदा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “हमारे कपड़े बदलने से पहले अपनी मानसिकता बदलें, क्योंकि यहां चौंकाने वाली एक ही बात है, जो संदेश इस तरह के बयान समाज को भेजते हैं.”
इतना ही नहीं, नव्या ने इंस्टाग्राम पर रिप्ड जींस (फटी जींस) पहने एक फोटो भी पोस्ट की. इसके साथ नव्या ने लिखा, “मैं अपनी रिप्ड जींस पहनूंगी. थैंक यू. और मैं उसे गर्व के साथ पहनूंगी.”
ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा #RippedJeans
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद से ट्विटर पर #RippedJeans ट्रेंड कर रहा है. कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस बयान की आलोचना की है. इसके साथ ही महिलाओं ने फटी जींस पहने हुए अपनी फोटो भी पोस्ट की है
कांग्रेस नेता संजय झा ने भी #RippedJeans पहने एक फोटो पोस्ट की और बीजेपी से सवाल किया कि क्या पार्टी इस सोच का समर्थन करती है.
सीएम को फटी हुई जींस से दिखे महिलाओं के संस्कार
सीएम रावत ने ये बातें मंगलवार को देहरादून में आयोजित उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक वर्कशॉप में कहीं.
सभा को संबोधित करते हुए अपना एक किस्सा सुनाया, जिसमें वो महिलाओं के रिप्ड (फटी हुई) जींस से नाराज नजर आ रहे हैं. तीरथ सिंह ने कहा, “मैं एक दिन जयपुर से आ रहा था, अगले दिन करवाचौथ था. जब मैं जहाज में बैठा और मेरे साथ दो दिन लोग थे. मेरे साथ के लोगों ने कहा कि करवाचौथ है, जाना तो है. सालभर नाराज रखते हैं, तो एक दिन तो खुश रखना है. जहाज में मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं, बातचीत हुई और जब मैंने उनकी तरफ देखा तो नीचे गम बूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे. हाथ देखे तो कई कड़े थे. जब घुटने देखे तो मैंने पूछा कि कहां जाना है, बोला दिल्ली जाना है. क्या करती हैं, एनजीओ चलाती हूं. मैंने कहा एनजीओ चलाती हूं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाते हैं. क्या संस्कार दोगे.”
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