60 करोड़ रुपये की जीएसटी हेराफेरी के मामले में दो गिरफ्तार
फर्जी फर्म बनाकर नकली बिल के जरिए जीएसटी की हेराफेरी करने वाले गिरोह के दो लोगों को लखनऊ इकाई की GST सूचना निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. इस गिरोह के सदस्यों ने लगभग साठ करोड़ रुपये की जीएसटी हेराफेरी कर सरकार को चपत लगायी है. अभी इस गिरोह के कई बाकी सदस्यों की तलाश जारी है.
GST सूचना निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर कमलेश कुमार ने बताया कि कानपुर के व्यापारी मनोज कुमार जैन और चंद्र प्रकाश तायल बोगस फर्मों के जरिये जीएसटी की हेराफेरी कर करोड़ों की चपत लगा रहे थे. मनोज कुमार जैन ने लगभग 300 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग की और करीब 44 करोड़ रुपये के जीएसटी की हेराफेरी की.
वहीं, चंद्रप्रकाश तायल ने लगभग 100 करोड़ रुपये की बोगस बिलिंग कर 16 करोड़ रुपये के जीएसटी की हेराफेरी की. उन्होंने बताया कि विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल राजेंद्र सिंह के निर्देश पर कानपुर के इन दोनों व्यापारियों के अकाउंट की जांच की गयी तो इसमें काफी अनियमितताएं पायी गईं. इन व्यापारियों का एक बहुत बड़ा गिरोह है, जो बोगस बीलिंग कर जीएसटी में हेराफेरी करता है.
सोर्स- भाषा
अर्टिफिशियल बारिश कराएगी योगी सरकार, शुरुआत बुंदेलखंड से
उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि तमिलनाड़ु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा मतलब अर्टिफिशियल बारिश कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर ने कर दिया है. अधिकारियों का दावा है कि 5.5 करोड़ रुपये में 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी. इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से की जाएगी.
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया, "मॉनसून खत्म होने के बाद बुंदेलखंड से कृत्रिम बारिश प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. सरकार ने इस तकनीक को चीन से खरीदने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी. हालांकि, शुरुआत में चीन इस तकनीक को 11 करोड़ रुपये में देने को तैयार हो गया था, लेकिन बाद में इनकार कर दिया."
दरअसल, आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ सरकार के सामने क्लाउड-सीडिंग (कृत्रिम बारिश) तकनीक का प्रजेंटेशन दे चुके हैं. क्लाउड-सीडिंग में प्राकृतिक गैसों का इस्तेमाल किया जाता है.
इसके लिए आईआईटी कानपुर ने हेलीकॉप्टर समेत तमाम उपकरणों की खरीद भी कर ली है. कृत्रिम वर्षा करने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी.
सोर्स- IANS
सीएम योगी की सुरक्षा में तैनात होंगे सिर्फ 40 साल से कम के अफसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा को देखते हुए उनकी सुरक्षा में तैनात ज्यादा उम्र के पुलिस कर्मियों को हटाकर युवा और चुस्त-दुरुस्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया जा सकता है. मुख्यमंत्री की सुरक्षा और उनके दौरों को देखते हुए पुलिस के सुरक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. डीजीपी की सहमति मिलते ही इस पर अमल किया जाएगा.
सीएम सिक्योरिटी में यह नया बदलाव बेहद अहम माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार एडीजी सुरक्षा विजय कुमार ने इस आशय का प्रस्ताव डीजीपी ओपी सिंह को भेजा है. इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाए रखने के लिए उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों का चुस्त-दुरुस्त होना बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि एडीजी सुरक्षा ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात होने वाले इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल की ज्यादा से ज्यादा उम्र 40 साल किए जाने का प्रस्ताव किया है.
सोर्स- हिंदुस्तान
तन्वी सेठ को पासपोर्ट जारी करने में सभी मानकों का पालन किया गया: विदेश मंत्रालय
अंतरधार्मिक विवाह करने वाले तन्वी सेठ पासपोर्ट विवाद में विदेश मंत्रालय ने अपना पक्ष रखा है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दिसंबर 2017 में बने नियमों के हिसाब से तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी करने में सभी मौजूदा मानकों का पालन किया गया.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब इस मामले में दुष्प्रचार और गलत धारणाएं समाप्त हो जायेंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पिछले कुछ समय से तन्वी सेठ के पासपोर्ट मामले में मीडिया में गलत धारणाएं सामने आ रही है. इस बारे में तथ्य, कल्पनाओं से अलग हैं. उन्होंने कहा कि पासपोर्ट के नियमों को दिसंबर 2017 में आसान किया गया था.
कुमार ने बताया कि पासपोर्ट अधिनियम के तहत सही प्रोसेस का पालन करने के बाद तन्वी सेठ को ‘पुलिस सत्यापन पूर्व' प्रक्रिया के आधार पर पासपोर्ट जारी किया गया. इसलिये पुलिस सत्यापन बाद में किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को भेजी जाने वाली पुलिस रिपोर्ट दिसंबर 2017 में लिये गए निर्णय के आधार पर ली गई. इसमें पुलिस सत्यापन के दो आधार थे. पहला कि क्या आवेदक भारतीय नागरिक है? दूसरा कि क्या आवेदक के खिलाफ कोई आपराधिक मामला है? कुमार ने कहा कि इन दोनों पहलुओं को छह बिंदुओं में बदला गया. इन निर्णय के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अवगत कराया गया कि एक जून से इसे लागू किया जाए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जिस पुलिस अधिकारी ने सत्यापन किया, उसने अपनी तरफ से दो टिप्पणियां जोड़ दी थी.
रवीश कुमार ने बताया कि पुलिस अधिकारी ने पहली टिप्पणी में कहा कि पासपोर्ट फॉर्म में नाम तन्वी सेठ दिया गया है, जबकि शादी के प्रमाणपत्र में नाम सदिया अनस दिया गया है. इसके साथ ही दूसरी टिप्पणी में कहा गया कि पते में त्रुटि है और वह जिस नोएडा स्थित घर पर रहती थीं, उसका उल्लेख नहीं किया गया है.
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि पासपोर्ट के लिए जब आप आवेदन करते हैं तब उसमें शादी का प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है. कुमार ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि तन्वी सेठ को पासपोर्ट जारी करने में सभी मौजूद मानकों का पालन किया गया.'' उल्लेखनीय है कि पासपोर्ट विवाद में सुर्खियों में आए उत्तरप्रदेश के एक जोड़े को आखिरकार पासपोर्ट जारी कर दिए गया.
सोर्स- भाषा
लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों से मारपीट मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
लखनऊ विश्वविद्यालय में बुधवार को कुलपति और शिक्षकों के साथ हुई मारपीट के मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को तलब किया है.
इस बीच पुलिस महानिदेशक ने लखनऊ रेंज के आईजी को जांच सौंपकर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा है. पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में पुलिस महानिरीक्षक (लोक शिकायत) मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. विश्वविद्यालय क्षेत्र के चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है, जबकि महानगर इंस्पेक्टर को लखनऊ से हटाकर बाहर भेज दिया गया है.
गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बुधवार को कुलपति, यूनिवर्सिटी स्टाफ और शिक्षकों पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. मारपीट में स्टाफ समेत कई शिक्षकों को चोटें आई हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि हमला निष्कासित किए गए छात्रों और बाहरी लोगों ने किया. घटना के बाद पीजी काउंसलिंग रोक दी गई. विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया.
सोर्स- IANS
UPPSC: PCS 2018 के लिए आज से आवेदन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2018 परीक्षा के लिए आवेदन छह जुलाई से शुरू होगा. आवेदन छह अगस्त तक लिए जाएंगे. छह जुलाई को आयोग की वेबसाइट पर पीसीएस 2018 का डीटेल विज्ञापन जारी किया जाएगा. यह भर्ती 831 पदों के लिए होनी है.
पहली बार इस भर्ती में लोअर सबआर्डिनेट के अंदर आने वाले कुछ पदों को भी शामिल किया गया है. विज्ञापन जारी होने के बाद स्पष्ट हो सकता है कि लोअर सबआर्डिनेट के अंंदर आने वाले किन पदों को इस भर्ती में शामिल किया गया है.
इसके साथ ही पीसीएस मेंस 2018 के बदले हुए सिलेबस के बारे में भी जानकारी हो सकेगी. आयोग ने शासन से मिली मंजूरी के बाद पीसीएस मेंस के पैटर्न को बदलकर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तरह कर दिया है.
सोर्स- हिंदुस्तान
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