केरल के पूर्व डीजीपी टीपी सेनकुमार ने इसरो साइंटिस्ट नंबी नारायणन को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर सवाल उठाए हैं. सेनकुमार ने कहा कि नारायाणन औसत से भी नीचे के साइंटिस्ट हैं. उन्होंने ये सम्मान पाने के लिए क्या किया है?
सेनकुमार ने कहा कि नारायणन को ये सम्मान देना अमृत में जहर मिलाने जैसा है. शुक्रवार को ही इसरो साइंटिस्ट नंबी नारायणन को पद्म भूषण दिए जाने की घोषणा की गई है.
सेनकुमार ने कहा,
एक जांच के दौरान मैंने इसरो में कई लोगों से पूछा था कि नारायणन का क्या योगदान रहा है. सभी ने नेगेटिव जवाब दिया था. मैंने उस समय के इसरो चेयरमैन जी माधवन नायर से भी यही सवाल पूछा था. जिन लोगों ने नारायणन को ये सम्मान दिया, उन्हें ये स्पष्ट करना चाहिए कि 1994 में स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने वाले एक औसत वैज्ञानिक ने राष्ट्र और इसरो में क्या योगदान दिया है?सेनकुमार
सेनकुमार ने पद्म अवॉर्डों पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा, "अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम अगले साल गोविंदचामी-अमिरुल इस्लाम (रेप और हत्या का आरोपी) और मरियम रशीदा को भी पद्म सम्मान मिलने की बात सुनेंगे."
नंबी नारायणन पर 1994 में जासूसी के आरोप लगे थे. सेनकुमार ने कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई है. उन्हें अपनी जांच करने दें पहले. उसके बाद उन्हें भारत रत्न भी मिले तो ठीक है.”
नंबी नारायणन पर बन रही है फिल्म, माधवन लीड रोल में
साइंटिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन पर बॉलीवुड में 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' नाम से फिल्म बन रही है, जिसमें आर माधवन लीड रोल निभा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने नंबी नारायणन के साथ अपनी फोटो भी शेयर की थी. माधवन ने बताया था कि इस लुक को पाने में उन्हें 14 घंटे लगे.
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