ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्रिपल तलाक बिल महिलाओं के अधिकारों के लिए है: रविशंकर प्रसाद

तीन तलाक विधेयक पर चर्चा जारी है...

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर चर्चा जारी है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि यह बिल किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिल महिलाओं के अधिकारों के लिए है.

इससे पहले विपक्षी दलों ने राफेल मुद्दे पर हंगामा किया. जिसके बाद लोकसभा को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिल को राजनीति के चश्मे से न देखा जाएः रविशंकर

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, ''20 इस्लामिक देश तीन तलाक को बैन कर चुके हैं, तो भारत जैसा धर्मनिरपेक्ष देश ऐसा क्यों नहीं कर सकता?'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं अनुरोध करता हूं कि इसे राजनीति के प्रिज्म से न देखा जाए.''

विपक्ष का सहयोग

तीन तलाक विधेयक पर चर्चा के लिए इस बार सरकार को विपक्ष का सहयोग मिला है. बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सदस्यों को बहस के दौरान सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया था.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार से कहा था कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा की जाए. इस चर्चा में हमारी पार्टी के सभी सदस्य और अन्य पार्टियां भी हिस्सा लेंगी. इसके बाद सरकार ने भी गुरुवार 27 दिसंबर को तीन तलाक विधेयक पर चर्चा की मंजूरी दी थी.

इससे पहले 17 दिसंबर को लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया गया था. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इस पर बाद में चर्चा करने की सलाह दी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि विपक्ष ने 27 दिसंबर को शांतिपूर्ण चर्चा का वादा किया है, हमें इस दिन चर्चा करने में किसी भी तरह की समस्या नहीं है.

संसद के इस सत्र में केंद्र सरकार तीन तलाक के अलावा दो अन्य अध्यादेशों पर भी चर्चा करने के मूड में है. सरकार दो अध्यादेशों भारतीय मेडिकल परिषद (संशोधन) अध्यादेश और कंपनी संशोधन अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाना चाहती है. 

सितंबर में आया था अध्यादेश

तीन तलाक के लिए सितंबर में अध्यादेश लाया गया था, जिसके तहत त्वरित तीन तलाक को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध माना गया था. सरकार अब इस विधेयक को पारित करवाना चाहती है क्योंकि यह अप्रैल-मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले अंतिम पूर्णकालिक संसदीय सत्र है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×